Haldwani Violence Update : उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरुवार को हुई हिंसा से पूरे इलाके में तनाव का माहौल है. बनभूलपुरा के मलिक बगीचे में बनी अवैध मस्जिद और मदरसे को 8 फरवरी को ध्वस्त कर दिया गया. प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत यह कार्रवाई की. इस कार्रवाई का स्थानीय लोगों ने बहुत विरोध किया. गुस्साई भीड़ ने पथराव करना शुरू किया और पुलिस के साथ बहस भी की. देखते ही देखते हिंसा भड़क गई और उपद्रवियों ने दर्जनों वाहनों को जलाया व पथराव किया. अब इस हिंसा के पीछे मास्टरमाइंड माने जा रहे अब्दुल मलिक पर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है. अब सरकार इस पर एक्शन ले सकती है.
माना जा रहा है कि अब्दुल मलिक ने मजहब की आड़ में सरकारी जमीन कब्जाने की साजिश रची और उसे पूरा करने के लिए पूरे शहर को हिंसा की आग में झोंक दिया. उसने 6 लोगों को जिंदा मरवा दिया. सूत्रों के अनुसार अब्दुल मलिक जमीनों की खरीद फरोख्त में भी शामिल रहता है. उत्तराखंड सरकार अब्दुल पर एनएसए के तहत कार्रवाई करने की तैयारी में है.
बनभूलपुरा इलाके के मालिक के बगीचे में सरकारी जमीन पर मस्जिद और मदरसा बना है. जानकारी के अनुसार इन दोनों का निर्माण अब्दुल मलिक ने करवाया है. पड़ोसियों के अनुसार इसके लिए अब्दुल ने किसी से जमीन खरीदी थी और उस पर मदरसा-मस्जिद का निर्माण कराया. सूत्रों के अनुसार इसकी शिकायत मिलने पर हल्द्वानी नगर निगम ने अब्दुल मलिक को नोटिस दोनों अतिक्रमणों को हटाने का निर्देश दिया था.
हल्द्वानी नगर निगम ने अब्दुल मलिक को नोटिस भेज चेतावनी दी कि अवैध निर्माण को न हटाने पर वह नजूल भूमि कानून 2009 और 2021 के साथ नगर निगम अधिनियम 1959 के प्रावधानों का उपयोग करके अवैध कब्जे हटा देगी. लेकिन अब्दुल मलिक ने सरकार के नोटिस पर अमल वहीं किया और रणनीति अपनाई. वह मुस्लिम समुदाय के काफी लोगों को साथ लेकर नगर निगम कार्यालय पहुंचा और ध्वस्तीकरण का नोटिस वापस लेने की मांग की. साथ ही प्रशासन द्वारा कार्रवाई होने पर शहर में लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की आशंका जताकर इशारे में धमकी भी दे दी.
अब्दुल मलिक की धमकी भरी बातों से अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ा. वह पुलिस टीम और जेसीबी के साथ लेकर अतिक्रमण हटाने के लिए बनभूलपुरा इलाके पहुंची. इससे गुस्साए मजहब विशेष के लोगों ने पहले प्रदर्शन किया और फिर अचानक पथराव-आगजनी शुरू कर दी. इलाके में शाम 4 बजे से शुरू हुई हिंसा रात 11 बजे तक चली. इसमें पेट्रोल बम और पत्थरों का इस्तेमाल किया किया. इस दौरान 4 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए, जिसमें पुलिस कर्मचारी भी शामिल थे. First Updated : Saturday, 10 February 2024