Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी टनल में चल रहे बचाव दल के सदस्य हरपाल सिंह ने दावा किया कि टनल के अंदर फंसे मजदूर गुरुवार (23 नवंबर) सुबह 8 बजे तक बाहर आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि पूरा ऑपरेशन सुबह आठ बजे तक पूरा कर लिया जाएगा. हर कोई अंदर फंसे मजदूरों के लिए दुआ कर रहा है. देर रात हरपाल सिंह ने कहा कि वह अभी सुरंग से बाहर आ रहा है. उन्होंने कहा कि वह यहां चल रहे बचाव अभियान का हिस्सा हैं.
मशीन में ख़राबी की जानकारी
बचाव कार्य के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में एक बार फिर से मशीन के खराब होने की खबर सामने आ रही है, जिसकी वजह से काम को रोक दिया गया है. हालांकि उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान पर DM अभिषेक रूहेला ने बताया, 'सभी मशीनें काम कर रही हैं. हम अधिकांश दूरी पूरी कर चुके हैं, थोड़ा काम बचा है. अभी किसी के लिए ये बताना संभव नहीं है कि कार्य पूर्ण होने में कितना समय लगेगा.'
8 बजे तक काम हो सकता है पूरा
हरपाल सिंह ने कहा था, 'मैं अभी सुरंग के अंदर से आया हूं. मैं जोजिला सुरंग के निर्माण में काम कर रहा हूं और यहां बचाव अभियान का हिस्सा हूं. कुछ समय पहले ड्रिलिंग के दौरान चार लोहे की छड़ें सुरंग के अंदर आ गईं. ड्रिलिंग का काम बंद कर दिया गया है. एनडीआरएफ की टीम गैस कटर मशीन के जरिए सरिया को काटने की कोशिश कर रही है. मुझे उम्मीद है कि अगले डेढ़ से 2 घंटे में एनडीआरएफ की टीम गैस कटर मशीन के जरिए सरिया को काट देगी. उसके बाद लगभग 12 मीटर लंबी दो पाइपलाइनों की ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी. इसके बाद करीब 12 मीटर लंबी दो पाइपलाइन की ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी. मुझे उम्मीद है कि सुबह 8:30 बजे तक मजदूरों का रेस्क्यू शुरू हो जाएगा.'
मौके पर मौजूद हैं एंबुलेंस
सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए चल रहे प्रयास बुधवार (22 नवंबर) शाम को सफलता के करीब दिखाई दिए. इसे देखते हुए एंबुलेंस तैयार रखी गई है और डॉक्टरों को मौके पर बुलाया गया है. मौके पर एक 'चेस्ट स्पेशलिस्ट' समेत 15 डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है। मौके पर 12 एंबुलेंस तैयार रखी गई हैं.
सिल्कयारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने से हादसा
तारकशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन सिल्कयारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिसके कारण मलबे के दूसरी तरफ मजदूर फंस गए थे, जिन्हें बचाने के लिए युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है. सोमवार को बचावकर्मी मलबे के बीच 53 मीटर लंबी छह इंच की पाइपलाइन डालने में सफल रहे, जिसके माध्यम से श्रमिकों तक अधिक खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है. इस पाइपलाइन के माध्यम से 'एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी' कैमरा भेजकर श्रमिकों के सुरक्षित होने की पहली तस्वीरें और वीडियो सामने आई थीं.
First Updated : Thursday, 23 November 2023