पेपर लीक करने के बढ़ते चलन पर उपराष्ट्रपति ने कड़ा रुख अपनाया, दो प्रकार के डर का सामना कर रहे छात्र

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पेपर लीक के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि पेपर लीक पर कड़ी रोक लगनी चाहिए, क्योंकि यह अब एक व्यापार बन चुका है. उन्होंने कहा कि जब पेपर लीक होते हैं, तो चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठता है. यह एक गंभीर समस्या है, जिस पर सख्ती से कार्रवाई की आवश्यकता है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

उपराष्ट्रपति ने जोर देते हुए कहा कि पेपर लीक एक प्रकार की बुराई है. इसे समाप्त किया जाना चाहिए. केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए सार्वजनिक परीक्षा विधेयक, 2024 की उन्होंने सराहना की. साथ ही चिंता जताई कि अब छात्रों को दो प्रकार के डर का सामना करना पड़ रहा है. एक तो परीक्षा का डर और दूसरा पेपर लीक होने का डर. 

उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि जब छात्र महीनों की कड़ी मेहनत और तैयारी के बाद परीक्षा के लिए जाते हैं, तो पेपर लीक होने की स्थिति में उनका मनोबल टूट जाता है और वे बेहद निराश हो जाते हैं.

मोदी सरकार पर हमला

भारत में पेपर लीक का मामला इतना गंभीर हो चुका है कि अब यह सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने लगा है. इसके चलते विपक्षी दलों ने कई बार सरकार पर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 3 जनवरी को मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ियां हो रही हैं, पहले तो भर्ती ही नहीं होती और जब परीक्षा होती है तो वह समय पर नहीं होती. साथ ही पेपर लीक करवा दिए जाते हैं. जब युवा इन समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो उनकी आवाज दबा दी जाती है.
 

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11 January 2025, 06:03 PM IST

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