पड़ोसी देश में हिंदुओं पर हुए हमले को लेकर बरसे उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, जानें क्या कहा?
Vice President Jagdeep Dhankhar: उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पड़ोसी देशों में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की कड़ी आलोचना की और 'कथित नैतिक उपदेशकों' की चुप्पी पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, 'हम बहुत सहिष्णु हैं, लेकिन इस तरह के उल्लंघनों के प्रति अधिक सहिष्णुता ठीक नहीं है. सोचिए, अगर आप भी ऐसी स्थिति में होते तो क्या महसूस करते?
Vice President Jagdeep Dhankhar: उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को पड़ोसी देशों में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की कड़ी आलोचना की और 'कथित नैतिक उपदेशकों' की चुप्पी पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि उनका व्यवहार मानवाधिकारों के खिलाफ है. यह टिप्पणी धनखड़ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस समारोह में की. उन्होंने कहा, 'हम बहुत सहिष्णु हैं, लेकिन इस तरह के उल्लंघनों के प्रति अधिक सहिष्णुता ठीक नहीं है. सोचिए, अगर आप भी ऐसी स्थिति में होते तो क्या महसूस करते?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आगे कहा कि 'लड़कों, लड़कियों और महिलाओं के साथ होने वाली बर्बरता और यातना को देखिए. हमारे धार्मिक स्थलों का अपमान किया जा रहा है.' हालाँकि, उन्होंने किसी विशेष देश का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी यह टिप्पणी बांग्लादेश में हाल ही में हुए हमलों से जुड़ी मानी जा रही है.
बांग्लादेश में बढ़ते हमले
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के अगस्त में हटने के बाद से हिंदुओं पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं. दुर्गा पूजा के दौरान हुई हिंसा में 17 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बांग्लादेश की कुल 17 करोड़ की जनसंख्या में हिंदू केवल 8 प्रतिशत हैं. वहीं पाकिस्तान में भी हिंदू और ईसाई अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार जारी हैं. रिपोर्टों के अनुसार, उन्हें अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन, और बलात्कार का खतरा है.
'प्रतिघात का आह्वान'
धनखड़ ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर सवाल उठाने वाली इन शक्तियों को 'हानिकारक" बताया और ऐसे प्रयासों का मुकाबला करने के लिए 'प्रतिघात' करने का आह्वान किया.
भुखमरी सूचकांक पर टिप्पणी
उन्होंने भुखमरी सूचकांक पर भी सवाल उठाए, जिसमें भारत की रैंकिंग खराब है. धनखड़ ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान, सरकार ने जाति और पंथ की परवाह किए बिना 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन प्रदान किया.
'भारत की छवि बिगाड़ने की हो रही कोशिश'
धनखड़ ने कहा कि कुछ शक्तियां जानबूझकर भारत को गलत तरीके से प्रस्तुत करने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भारत मानवाधिकारों पर उपदेश सुनने में रुचि नहीं रखता. उन्होंने देश के विभाजन, आपातकाल और 1984 के सिख विरोधी दंगों को याद करते हुए इन घटनाओं को स्वतंत्रता की नाजुकता के प्रतीक के रूप में बताया.