Hathras Gangrape: उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2020 में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में पीड़ित परिवार करीब तीन सालों बाद अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. न्याय की उम्मीद में पीड़ित परिवार ने देश के सर्वोच्च न्यायालय में अर्ज़ी दाखिल कर इस मामले को उत्तर प्रदेश से बाहर दिल्ली या दूसरे राज्य में शिफ्ट करने की मांग की है. शुक्रवार, (25 अगस्त) को पीड़ित परिवार के अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और केंद्र सरकार को दो हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवार के वकील ने कोर्ट के समक्ष कहा कि मामले से जुड़े सभी आरोपियों को 2 मार्च को बरी कर दिया गया था, जिसके बाद से पीड़ित परिवार पर लगातार खतरा मंडरा रहा है.
यूपी सरकार नहीं की इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों का पालन
हाथरस गैंगरेप मामले में पीड़ित परिवार की अर्ज़ी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी हैरानी जताई. कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जुलाई 2022 के आदेश को देखा, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित परिवार के सदस्य को नौकरी और पीड़ित परिवार को यूपी से बाहर शिफ्ट करने का आदेश दिया था. लेकिन यूपी सरकार की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया.
साल 2020 में चार युवकों ने किया था गैंगरेप
गौरतलब है कि, साल 2020 में 14 सितंबर को यूपी के हाथरस के थाना चंदपा इलाके में गांव के ही रहने वाले चार युवकों ने दलित लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना का अंजाम दिया था. ऐसा आरोप है कि दुष्कर्म के बाद चारों आरोपियों ने मारपीट करते हुए पीड़िता की जीभ काट दी थी. साथ ही गला दबाकर हत्या करने की भी कोशिश की गई.
इस दौरान हैवानों ने पीड़िता की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी. जिसके बाद उस लड़की को खराब हालत में दिल्ली स्थित सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन इस घटना के करीब 15 दिन बाद यानी 29 सितंबर को पीड़ित लड़की की मौत हो गई. First Updated : Saturday, 26 August 2023