संभल में बढ़ा हिंदू-मुस्लिम विवाद, 20 से 30 हजार लोगों ने पुलिस को मारे पत्थर
संभल में मस्जिद सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें तीन लोग मारे गए और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. भीड़ ने पुलिस पर पत्थरबाजी और गोलीबारी की, जिसके बाद स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई. पुलिस ने इंटरनेट बंद कर दिया और अतिरिक्त सुरक्षा तैनात की. पूरी घटना के पीछे कौन था, इसका पता लगाने के लिए जांच जारी है.
UP News: रविवार को संभल जिले में एक पुराने मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और 20 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए. इस सर्वेक्षण का आदेश कोर्ट ने एक याचिका के बाद दिया था, जिसमें मस्जिद को पहले मंदिर बताने की मांग की गई थी. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गईं.
सर्वेक्षण का कारण
दरअसल यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मस्जिद के संबंध में याचिका दायर की, जिसमें दावा किया गया कि मस्जिद पहले एक मंदिर थी. कोर्ट के आदेश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ने मस्जिद का सर्वेक्षण करना शुरू किया. शुरूआत में सर्वेक्षण शांति से चल रहा था, लेकिन जैसे ही समय बढ़ा, स्थिति बिगड़ने लगी. लगभग 9 बजे, मस्जिद के बाहर 2,000 से 3,000 लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई, जिन्होंने पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए.
हिंसा और गोलीबारी का सिलसिला
पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया. लेकिन जब भीड़ ने घरों से गोलीबारी शुरू कर दी, तो स्थिति और भी गंभीर हो गई. गोलीबारी में कई लोग घायल हुए, जिनमें पुलिस अधिकारी भी शामिल थे. हिंसा में एसडीएम और अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए और अतिरिक्त बल तैनात किया.
मौतें और गंभीर चोटें
हिंसा के दौरान तीन लोग मारे गए, जिनकी पहचान मोहम्मद नईम, मोहम्मद बिलाल, और मोहम्मद नौमान के रूप में हुई है। बिलाल के छोटे भाई ने आरोप लगाया कि उन्हें सर्कल ऑफिसर ने गोली मारी थी, लेकिन पुलिस ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि घटना का पूरा वीडियो मौजूद है। पुलिस का कहना था कि जो लोग पत्थर फेंक रहे थे, उन्हें जवाब देने के लिए गोलीबारी की गई।
स्थिति अब नियंत्रण में, लेकिन चिंताएं बनीं
घटना के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पड़ोसी जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया. इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं और सुरक्षा बढ़ा दी गई. घटना के वीडियो के आधार पर पुलिस आरोपियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है. मस्जिद के संरचना को लेकर भी कुछ सवाल उठे, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद को कोई नुकसान नहीं हुआ है.
पुलिस की अपील
पुलिस अधिकारी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और जो लोग इस हिंसा के पीछे हैं, उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे हिंसा से बचें और न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा रखें. मस्जिद की प्रबंधन समिति ने भी इस हिंसा की निंदा की और शांति बनाए रखने की अपील की.
यह घटना उत्तर प्रदेश में साम्प्रदायिक तनाव को और बढ़ा सकती है, लेकिन पुलिस की कोशिश है कि स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य किया जाए. इस बीच, हिंसा के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का वादा किया गया है.