Manipur Violence: मणिपुर में विरोध प्रदर्शन तेज, केंद्र ने कश्मीर के सीनियर आईपीएस अधिकारी को सौंपी कमान

IPS Officer Rakesh Balwal: मणिपुर में मई महीने से जारी हिंसा दो छात्रों की हत्या की तस्वीरें सामने आने के बाद तेज हो गई है. स्थिति को देखते हुए केंद्र ने आज कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राकेश बलवल को मणिपुर की कमान सौंपी है.

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Manipur Violence: मणिपुर में जुलाई महीने से गायब दो छात्रों की मौत की पुष्टि होने के बाद राजधानी इंफाल में हिंसा और विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. हालात को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को जम्मू कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राकेश बलवाल को मणिपुर भेजा है.  

दरअसल, दो छात्रों की हत्या की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मणिपुर में हिंसा भड़क गई थी और राज्य में इंटनेट को फिर से बंद कर दिया गया था. बुधवार को भारी संख्या में लोगों ने विरोध हिंसक विरोध प्रदर्शन किया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस की गाड़ी को आग लगाई गई और मारपीट व हथियार भी छीने गए. इस घटना में 45 लोग घायल हुए है.

कौन है IPS राकेश बलवाल?

राकेश बलवाल 2012 बैच के मणिपुर कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. अब तक वे श्रीनगर के एसएसपी के पद पर तैनात थे. लेकिन मणिपुर में हिंसा बढ़ने के बाद केंद्र सरकार उन्हें उनके होम कैडर वापस भेज दिया है. गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, राकेश बलवाल को समय से पहले एजीएमयूटी कैडर से उनके गृह राज्य मणिपुर में वापस भेजा गया है. 

पुलवामा आतंकी हमले की जांच टीम के सदस्य रहे 

इससे पहले राकेश बलवाल ने साढ़े तीन साल तक एनआईए में पुलिस अधीक्षक के पद पर रहे चुके है. इसके अलावा राकेश बलवाल साल 2019 में पुलवामा आतंकी हमले की जांच टीम के सदस्य भी रहे हैं.  

दो छात्रों की हत्या को लेकर विरोध प्रदर्शन 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छह जुलाई से गायब दो छात्रों की हत्या के बाद मणिपुर में हिंसा और विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. इंफाल में मंगलवार देर रात स्थानीय छात्रों और लोगों की सुरक्षाबलों से झड़प हो गई थी. सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े थे. इस घटना में 45 छात्र घायल हुए. प्रदर्शन कर रहे लोगों में ज्यादातर छात्र शामिल है. बता दें कि मणिपुर में मई महीने से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जातीय संघर्ष चल रहा है. इसमें 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 60,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए है. First Updated : Thursday, 28 September 2023