Anganwadi Scheme For Children: भारत सरकार के महिला और बाल विकास विभाग की ओर से चलाई जा रही आंगनबाड़ी योजना बच्चों और महिलाओं के पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा की जरूरतों को पूरा करने का एक महत्वपूर्ण जरिया है. यह योजना देशभर में बच्चों के विकास और कुपोषण के खिलाफ लड़ाई का एक सशक्त माध्यम बनकर उभरी है.
बच्चों के लिए मुफ्त पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं
आपको बता दें कि आंगनबाड़ी केंद्रों में 6 महीने से 6 साल की उम्र तक के बच्चों को पोषण आहार के रूप में खिचड़ी, दलिया, चावल-दाल और दूध जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थ मुफ्त में उपलब्ध कराए जाते हैं. इसके अलावा, बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए पोलियो, बीसीजी और डीपीटी जैसे टीकाकरण मुफ्त में किया जाता है. स्वास्थ्य सेवाओं के तहत बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण और विटामिन सप्लीमेंट्स भी मुफ्त में दिए जाते हैं.
शिक्षा की शुरुआत
बताते चले कि आंगनबाड़ी केंद्र केवल स्वास्थ्य और पोषण तक सीमित नहीं हैं. यहां 3 से 6 साल की उम्र के बच्चों को पूर्व प्राथमिक शिक्षा भी प्रदान की जाती है. यह सेवा बच्चों के बौद्धिक और सामाजिक विकास की नींव रखती है, जिससे उनकी शिक्षा का बेहतर भविष्य सुनिश्चित होता है.
आंगनबाड़ी केंद्रों का राष्ट्रीय नेटवर्क
बता दें कि आंगनबाड़ी योजना की शुरुआत 1975 में बच्चों को कुपोषण और भूख से बचाने के उद्देश्य से की गई थी. आज देश में 14 लाख से अधिक आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं. हर केंद्र पर 25 कार्यकर्ता नियुक्त होते हैं, जिनकी निगरानी एक पर्यवेक्षक करता है. यह सुनिश्चित करता है कि केंद्र की सभी गतिविधियां सुचारू रूप से चलें.
बच्चों और महिलाओं के जीवन में बदलाव
वहीं बता दें कि आंगनबाड़ी केंद्रों की सेवाओं ने न केवल बच्चों के पोषण और शिक्षा को बेहतर बनाया है, बल्कि माताओं के स्वास्थ्य और जागरूकता में भी सुधार किया है. यह योजना ग्रामीण और आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में खासतौर पर लाभकारी साबित हो रही है.
दिन-ब-दिन आगे बढ़ रही ये योजना
आपको बता दें कि सरकार इस योजना का लगातार विस्तार और सुदृढ़ीकरण कर रही है. आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से न केवल बच्चों का कुपोषण कम हुआ है, बल्कि स्वास्थ्य और शिक्षा के मोर्चे पर भी समाज को मजबूत आधार मिला है. यह योजना बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. First Updated : Sunday, 08 December 2024