N Valarmathi Passes Away: खामोश हुई Chandrayaan-3 को विदा करने वाली आवाज, ISRO वैज्ञानिक वलारमथी का निधन
वलारमथी की बीते दिनों से तबीयत खराब चल रही थी, इस कारण उन्हें चेन्नई के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई.
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के दौरान आवाज देने वाली इसरो वैज्ञानिक एन वलारमथी का निधन हो गया. उनका 2 सितंबर की शाम वलारमथी (50 वर्ष) का चेन्नई में निधन हो गया. महिला वैज्ञानिक की मौत के पीछे कारण कार्डियक अरेस्ट बताया जा रहा है. गौरतलब हो कि चंद्रयान-3 तीसरा मून मिशन है, जिसकी लॉन्चिंग 14 जुलाई को की गई थी और इसी काउंटडाउन में वलारमथी ने आखिरी आवाज दी थी.
वैज्ञानिक की पिछले कुछ दिनों से तबीयत खराब चल रही थी
वलारमथी की बीते दिनों से तबीयत खराब चल रही थी, इस कारण उन्हें चेन्नई के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन वहां पर दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई. बता दें कि वलारमथी इसरो की वो वैज्ञानिक थी, जिन्होंने पृथ्वी से चंद्रमा और चंद्रयान की ट्रिपल लॉन्चिंग के दौरान अपनी उल्टी गिनती के लिए आवाज दी थी.
वलारमथी की मृत्यु पर पूर्व वैज्ञानिक ने जताया दुख
वैज्ञानिक के निधन पर इसरो के पूर्व साइंटिस्ट डॉ. पीवी वेंकटकृष्ण ने दुख जताया है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से ट्विट कर लिखा कि श्रीहरिकोटा से इसरो के भविष्य के मिशनों की उल्टी गिनती में वलारमथी मैडम की आवाज नहीं होगी। चंद्रयान 3 उनकी अंतिम उल्टी गिनती की घोषणा की थी। एक अप्रत्याशित निधन. बहुत दुःख हो रहा है. प्रणाम! इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी आम लोग इस वैज्ञानिक को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं.
The voice of Valarmathi Madam will not be there for the countdowns of future missions of ISRO from Sriharikotta. Chandrayan 3 was her final countdown announcement. An unexpected demise . Feel so sad.Pranams! pic.twitter.com/T9cMQkLU6J
— Dr. P V Venkitakrishnan (@DrPVVenkitakri1) September 3, 2023
23 अगस्त की शाम को चंद्रयान-3 की हुई थी लैंडिंग
भारत ने दुनिया में सफलता पाते हुए 23 अगस्त की शाम को चांद की सतह पर विक्रम लैंडिंग और प्रज्ञान रोवर की सफलता पूर्वक लैंडिंग कराई थी. इसके अलावा इंडिया एक और बड़ी सफलता की ओर आगे बढ़ रहा है, चंद्रयान-3 की सफलता के बाद आदित्य-1 की सफल लॉन्चिंग की है, जो कि एक सोलर मिशन है. बता दें कि आदित्य एल-1 को भी श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन से ही लॉन्च किया गया है.