Supreme Court में Waqf Act को चुनौती, 10 याचिकाएं दाखिल-बड़ा संवैधानिक सवाल खड़ा

संसद में वक्फ कानून के खिलाफ उठी आवाज अब देश की Supreme Court तक पहुंच गई है. सुप्रीम कोर्ट में  Waqf Act 1995 को चुनौती देने वाली याचिकाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. अब तक करीब 10 याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं. इनमें वक्फ कानून को असंवैधानिक और धार्मक भेदभाव पैदा करने वाला बताया गया है.  Chief Justice  ने इस मामले को गंभीरता से लिया है

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

नई दिल्ली. वक्फ संशोधन कानूंन 2025 को लेकर देश की सियासत औऱ आदालत दोनों ही गर्माए हुए हैं. अब तक इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 10 याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि यह कानून मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता और संवैधिकन अधिकारों पर हमला है. सभी याचिकाओं में कोर्ट से इस कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है.  इस मामले में कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान, जमीयत उलेमा-ए-हिंद, इंडियन मुस्लिम लीग, केरल की समस्थ केरल जमियथुल उलेमा, APCR, एसडीपीआई, तैय्यब खान सलमानी और अंजुम कादरी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

CJI की बेंच के सामने रखी गई बात

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की ओर से मामले को चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच के सामने मेंशन किया गया। कोर्ट ने भरोसा दिलाया कि दोपहर में मामले पर विचार कर यह तय किया जाएगा कि सुनवाई कब हो सकती है।

याचिकाकर्ताओं की आपत्ति क्या है?

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21, 25, 26, 29, 30 और 300-ए का उल्लंघन करता है। इनका कहना है कि यह सिर्फ मुसलमानों की संपत्ति और धार्मिक आज़ादी को प्रभावित करने वाला कानून है। AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इस कानून को मुसलमानों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ बताया है। उन्होंने लोकसभा में बिल की कॉपी फाड़कर अपना विरोध दर्ज कराया था। वहीं कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने इसे मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव वाला कानून करार दिया।

कैसे बना कानून?

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के पक्ष में 288 वोट पड़े जबकि 232 विरोध में थे। राज्यसभा में 132 वोट बिल के समर्थन में और 95 खिलाफ थे। दोनों सदनों से पास होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह विधेयक कानून बन गया।

विपक्षी दलों की एकजुटता

वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ कांग्रेस, AIMIM, आप, आरजेडी, डीएमके समेत कई दल एकजुट नजर आ रहे हैं। इन दलों का कहना है कि यह कानून न केवल मुस्लिम समाज की धार्मिक आज़ादी पर हमला है बल्कि संविधान की मूल भावना के भी खिलाफ है।

 सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नजर

अब पूरे देश की नजरें सुप्रीम कोर्ट पर लगी हुई है. कोर्ट इस मामले में क्या फैसला सुनाएगा, यह सभी जानना चाहते हैं. इस कानून को संवेधिकन चुनौती दी गई है, उसीक सुनवाई बेहद अहम मानी जा रही है. क्रोट की टिप्पणियां और फैसले आने वाले दिनों में बड़ा असर डाल सकते हैं. देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस कानून को सही ठहराता है या फिर इसमें कोई बदलाव या रोक लगाने का आदेश देता है. अब आगे की तस्वीर कोर्ट की सुनवाई और उसके फैसले पर निर्भर करेगी.

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07 April 2025, 12:03 PM IST

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