Waqf Act 2025: कब और कैसे लागू होगा वक्फ कानून? राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिल को दी मंजूरी
Waqf Act 2025: वक्फ एक्ट 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गई है, जिससे यह विधेयक अब कानून बन गया है. संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद सरकार ने इसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. अब केंद्र सरकार द्वारा लागू करने की तारीख तय होते ही यह कानून पूरे देश में प्रभावी हो जाएगा.

Waqf Act 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को मंजूरी दे दी, जिससे यह विधेयक अब औपचारिक रूप से कानून बन गया है. यह विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है और सरकार ने इसे गजट में भी प्रकाशित कर दिया है.
सरकार का दावा है कि इस कानून के जरिए देश के गरीब, पसमांदा मुसलमानों और मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार किया जा सकेगा. हालांकि, इस कानून को लेकर देशभर में राजनीतिक और धार्मिक स्तर पर विरोध भी तेज हो गया है.
संसद में हुआ विधेयक पारित
लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के पक्ष में 288 जबकि विपक्ष में 232 वोट पड़े. वहीं राज्यसभा में इसे 128 समर्थन और 95 विरोध वोटों के साथ पारित किया गया. राज्यसभा में विपक्ष द्वारा लाए गए सभी संशोधन प्रस्तावों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया. इसके बावजूद विपक्ष ने इस बिल को लेकर तीखा विरोध जताया और इसे लोकतंत्र व संविधान के खिलाफ बताया.
राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ बना कानून
शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी. सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. हालांकि, इस कानून को देशभर में कब से लागू किया जाएगा, इसके लिए केंद्र सरकार अलग से अधिसूचना जारी करेगी.
AIMPLB ने किया राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान
विधेयक पारित होने और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इसे लेकर कड़ा विरोध जताया है. शनिवार शाम AIMPLB ने दो पेज का पत्र जारी करते हुए कहा कि वे धार्मिक, सामाजिक और समुदाय-आधारित संगठनों के साथ मिलकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ेंगे. बोर्ड ने कहा, "यह बिल इस्लामी मूल्यों, शरीयत, धार्मिक स्वतंत्रता और भारतीय संविधान की आत्मा पर सीधा हमला है. जब तक यह संशोधन पूरी तरह से वापस नहीं लिया जाता, हमारा आंदोलन जारी रहेगा."
कब होगा जारी?
अब जबकि वक्फ संशोधन कानून बन चुका है, इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर होगी. एक बार जब इसकी लागू होने की तिथि घोषित कर दी जाएगी, तब यह पूरे देश में प्रभावी हो जाएगा. यह देखना दिलचस्प होगा कि इस कानून के लागू होने के बाद इसके सामाजिक और राजनीतिक असर क्या होते हैं.