वक्फ कानून के खिलाफ देशव्यापी विरोध: दिल्ली से झारखंड तक ‘बत्ती गुल’ अभियान, सड़कों पर उतरेंगे मुस्लिम संगठन"
Waqf संशोधन अधिनियम को लेकर Muslim संगठनों में उबाल है. वे इसे वापस लेने की मांग को लेकर देशभर में बड़े स्तर पर आंदोलन की तैयारी में हैं. 24 अप्रैल को Delhi में सम्मेलन होगा और 30 अप्रैल को "बत्ती गुल" अभियान चलाया जाएगा.

नई दिल्ली. वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर मुस्लिम संगठनों में गहरी असहमति देखी जा रही है. देशभर के कई मुस्लिम सामाजिक और धार्मिक संगठन इस कानून को अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला मानते हुए इसके खिलाफ संगठित विरोध की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं. इस दिशा में अगले दो हफ्तों के भीतर कई महत्वपूर्ण सम्मेलन और प्रदर्शन प्रस्तावित हैं. 24 अप्रैल को दिल्ली स्थित इंडिया इस्लामिक सेंटर में एक वक्फ बचाव सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा.
इसका नेतृत्व जमात-ए-इस्लामी के लीगल विंग और "एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स" (APCR) द्वारा किया जा रहा है. इस आयोजन में कई प्रमुख मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. हालांकि, जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी स्वास्थ्य कारणों से उपस्थित नहीं हो सकेंगे, लेकिन उनका संदेश कार्यक्रम में पढ़ा जाएगा.
राज्यों में विरोध प्रदर्शन की श्रृंखला
इस मुद्दे को लेकर क्षेत्रीय स्तर पर भी लामबंदी हो रही है. 26 अप्रैल को कोलकाता में एक बड़ा सम्मेलन होगा, जबकि 27 अप्रैल को महाराष्ट्र में विभिन्न संगठनों की बैठक प्रस्तावित है. 30 अप्रैल को देशव्यापी “बत्ती गुल” अभियान के तहत मुस्लिम समुदाय के लोग रात 9 बजे प्रतीकात्मक विरोध स्वरूप अपने घरों की बिजली बंद करेंगे.
दिल्ली में बड़ी रैली की तैयारी
1 मई को जमशेदपुर में संगठनों की बैठक होगी, जबकि 3-4 मई को देवबंद में प्रस्तावित कार्यकारिणी बैठक अब दिल्ली में होगी. सबसे बड़ा आयोजन 7 मई को दिल्ली के रामलीला मैदान पर प्रस्तावित है, जहां हजारों की संख्या में मुस्लिम प्रतिनिधि एकत्र होकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे.
Maulana Madani की अपील: कानूनी रास्ते पर विश्वास
Maulana Madani मदनी ने मुसलमानों से अपील की है कि वे विरोध की मर्यादा में रहते हुए अपनी बात सरकार तक पहुंचाएं. उनका मानना है कि सड़कों पर प्रदर्शन की बजाय कानूनी माध्यम से इस कानून को चुनौती देना ही बेहतर रास्ता है. उन्होंने कहा कि देश की वर्तमान परिस्थिति में सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन से कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है, जो किसी के हित में नहीं होगा.


