Waqf Amendment Bill: वक्फ बिल पर रविशंकर प्रसाद का जोरदार जवाब, क्या है आर्टिकल 15 वाली दलील?
लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर बहस जोरों पर है. भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने इस बिल को लेकर विपक्ष पर हमला किया और आर्टिकल 15 के तहत महिला सशक्तिकरण की बात की. उन्होंने शाहबानो से लेकर सायरा बानो तक की चर्चित मामलों का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे कुछ लोग राजनीति के चलते मुस्लिम महिलाओं के हक़ में खड़े नहीं होते. क्या ये बिल सच में मुस्लिम समुदाय के हित में है या फिर कुछ और? पूरा विवरण जानने के लिए खबर पढ़ें.

Waqf Amendment Bill: लोकसभा में वक्फ बिल को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. जहां एक तरफ सरकार इस बिल को मुसलमानों के हक में सुधार के रूप में पेश कर रही है, वहीं विपक्ष इसका विरोध करते हुए इसे समाज को बांटने वाली राजनीति मान रहा है. इस पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपनी सख्त प्रतिक्रिया दी और इस विवादास्पद बिल पर अपनी दलीलें पेश की.
रविशंकर प्रसाद का बयान – 'हम संविधान की हरी किताब लेकर आए हैं'
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि विपक्ष इस बिल पर अनावश्यक विवाद उठा रहा है, जबकि सरकार संविधान के अनुच्छेद 15 के तहत महिलाओं और समाज के पिछड़े वर्गों को न्याय दिलाने के लिए यह कदम उठा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि संविधान में यह स्पष्ट रूप से लिखा है कि किसी भी व्यक्ति के साथ लिंग, क्षेत्र, भाषा या नस्ल के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता.
वक्फ संपत्तियों की स्थिति पर सवाल उठाया
रविशंकर प्रसाद ने वक्फ संपत्तियों की स्थिति पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि भारत में कुल 8.2 लाख वक्फ संपत्तियां हैं, लेकिन इनसे न तो कोई स्कूल खुले, न अनाथालय, न ही कोई कौशल केंद्र. वे इस पर सवाल उठा रहे थे कि आखिर क्यों इन संपत्तियों का सही इस्तेमाल नहीं हो रहा.
शाहबानो केस का उदाहरण
रविशंकर प्रसाद ने शाहबानो केस का उदाहरण देते हुए बताया कि जब सुप्रीम कोर्ट ने एक विधवा महिला को गुजारे भत्ते का आदेश दिया था, तो उसे पलट दिया गया. वे यह भी बोले कि मुस्लिम महिलाएं जब तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गईं, तो इस मुद्दे पर सरकार ने दो साल तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
CAA पर भी सवाल उठाए
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश में वोट बैंक की राजनीति के चलते कई बार ऐसे मुद्दे उठाए जाते हैं, जिनका कोई वास्तविक आधार नहीं होता. उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर भी विपक्ष की आलोचना की यह कहते हुए कि इस कानून से हिंदू, सिख और ईसाई समुदाय के उत्पीड़ित लोगों को भारत में शरण दी गई है और इसका भारतीय मुसलमानों पर कोई असर नहीं पड़ा.
आखिर क्या है वक्फ बिल का मकसद?
रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि वक्फ बिल का मकसद सिर्फ मुस्लिम समुदाय की संपत्ति की रक्षा करना है, न कि समाज में कोई विभाजन करना. उनका मानना था कि अगर यह बिल मुस्लिम समाज के पिछड़े वर्गों के हित में सुधार ला रहा है, तो इसका विरोध क्यों हो रहा है?
वोट बैंक की राजनीति पर उठाए सवाल
आखिर में, उन्होंने सवाल उठाया कि क्या हम समाज के हित में फैसले लें या वोट बैंक की राजनीति करें. उन्होंने कहा कि अगर हम मुस्लिम समाज के आदर्शों की बात करें, तो वे कभी भी वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा नहीं बने, बल्कि उन्होंने देश की भलाई और सम्मान को महत्व दिया.