नेहरू संयोग से बने PM, पटेल और अंबेडकर थे हकदार- केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक विवादित बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू प्रधानमंत्री संयोग से बने थे। उनकी जगह सरदार पटेल और अंबेडकर को यह पद मिलना चाहिए था। खट्टर ने अंबेडकर के योगदान को भी सराहा और कहा कि उनके साथ कई अन्याय हुए, जैसे उनकी मृत्यु के बाद दिल्ली में उन्हें दाह संस्कार के लिए जगह नहीं दी गई। क्या खट्टर का यह बयान राजनीति को नया मोड़ देगा जानिए पूरी खबर में!

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Manohar Lal Khattar Statement: केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक बार फिर से विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू को संयोगवश भारत का प्रधानमंत्री बनने वाला बताया। उन्होंने यह बयान हरियाणा के रोहतक जिले की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में दिए अपने संबोधन में दिया।

खट्टर ने कहा, 'पंडित नेहरू संयोगवश प्रधानमंत्री बने थे। उनकी जगह सरदार पटेल और डॉ. बीआर अंबेडकर जैसे कद्दावर नेता प्रधानमंत्री बनने के अधिक हकदार थे।' उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. अंबेडकर की भूमिका भी नेहरू से कम महत्वपूर्ण नहीं थी। हालांकि, खट्टर ने यह भी माना कि जो हुआ, वह इतिहास का हिस्सा है और अब वह बदल नहीं सकता।

अंबेडकर के अंतिम संस्कार के लिए दिल्ली में नहीं मिली थी जगह

खट्टर ने अपने बयान में यह भी कहा कि डॉ. बीआर अंबेडकर को उनके निधन के बाद दिल्ली में अंतिम संस्कार के लिए स्थान नहीं दिया गया था। उनका यह बयान अंबेडकर के प्रति समाज के रवैये को लेकर था। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि अंबेडकर के योगदान को हमेशा याद रखा जाना चाहिए क्योंकि उनका योगदान संविधान के निर्माण में अद्वितीय था।

बीजेपी सरकार ने किया अंबेडकर का सम्मान

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद डॉ. अंबेडकर के सम्मान में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। उन्होंने बताया कि अंबेडकर से जुड़े पांच पवित्र स्थलों की स्थापना की गई है, जो डॉ. अंबेडकर के प्रति सम्मान का प्रतीक हैं। खट्टर ने दावा किया कि पहले कभी अंबेडकर के योगदान का इस तरह सम्मान नहीं किया गया था।

उनका यह भी मानना है कि आज़ादी की लड़ाई में सबसे ज्यादा सम्मान देने योग्य नेता डॉ. अंबेडकर हैं। उनके अनुसार, सरकार ने अंबेडकर के योगदान को सही मायने में पहचाना और उसे सम्मानित किया।

समाप्ति में खट्टर ने यह स्पष्ट किया कि भारत का संविधान डॉ. अंबेडकर की कठोर मेहनत और योगदान का परिणाम है और हमें हमेशा इसे याद रखना चाहिए।इस पूरे बयान में खट्टर ने एक बार फिर से अपनी पार्टी और नेतृत्व के बारे में अंबेडकर के योगदान को प्रमुखता से रेखांकित किया, जिससे देश के वर्तमान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में एक नया मोड़ आ सकता है। First Updated : Sunday, 12 January 2025