Water cut in Delhi: दिल्ली के सोनिया विहार और भागीरथी में जल शोधन संयंत्र (WTP) यमुना नदी के कच्चे पानी में अधिक मात्रा में मौजूद अमोनिया के कारण जल शोधन में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. इसके कारण राजधानी में पानी की आपूर्ति में समस्या उत्पन्न हो रही है. इसे लेकर सियासत पहले से ही चल रही थी लेकिन अब इसमें AAP हरियाणा सरकार को निशाने पर ले रही है. आरोप लगाया जा रहा है कि दिल्ली में यमुना का ये हाल हरियाणा के औद्योगिक कचरे के कारण हो रहा है. वहीं इसके बाद भाजपा ने पलटवार करते हुए दिल्ली सरकार को घेरा है.
बता दें दिल्ली में जल संकट कोई नई बात नहीं है. यमुना का गंदा होना भी कुछ नया नहीं है. सालभर यहां यमुना के यही हाल रहते हैं और सरकार एक दूसरे पर आरोप लगाती रहती हैं. इसे लेकर दोषी कौन है और इसका उपाय क्या होगा इसका कोई स्थाई हल नहीं निकल पाता है.
दिल्ली जल बोर्ड ने रविवार को घोषणा की कि यमुना में अमोनिया की बढ़ती मात्रा के कारण 1 नवंबर तक राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में पानी की कमी रहेगी. बोर्ड के अनुसार, दिल्ली में 110 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रतिदिन) भागीरथी जल शोधन संयंत्र और 140 एमजीडी सोनिया विहार जल शोधन संयंत्र का कच्चा जल स्रोत उत्तर प्रदेश के मुरादनगर में स्थित अपर गंगा नहर है, जो 12 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक वार्षिक मरम्मत के कारण बंद है.
विनय मिश्रा ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार ने आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल से राजनीतिक दुश्मनी के चलते यमुना की प्रदूषण समस्या की अनदेखी की है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में औद्योगिक कचरे को यमुना में छोड़ा जा रहा है, जो जल प्रदूषण का मुख्य कारण है. मिश्रा ने दिल्लीवासियों को आश्वासन दिया कि जल बोर्ड समस्या का समाधान ढूंढ़ने के लिए सक्रिय रूप से प्रयासरत है और हरियाणा के अधिकारियों के साथ चर्चा की योजना बना रही है.
भाजपा ने भी आम आदमी पार्टी पर दिल्ली में जल आपूर्ति सुनिश्चित करने में असफल रहने का आरोप लगाया. भाजपा के दिल्ली इकाई के प्रवक्ता प्रवीन शंकर कपूर ने कहा कि त्योहारों के मौसम में पानी की कमी और कटौती बढ़ना गलत है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली सरकार जल आपूर्ति सुनिश्चित करने में विफल रही है.
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष विनय मिश्रा ने यमुना के जल की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यमुना में अमोनिया की मात्रा 0.9 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) तक बढ़ गई है, जबकि सुरक्षित स्तर 0.5 पीपीएम है. इस बढ़ी हुई अमोनिया की मात्रा के कारण जल उत्पादन में 25-30 प्रतिशत की कमी आई है, जिससे दिल्लीवासियों को पानी की आपूर्ति में दिक्कत हो रही है.