New Parliament Building Water Leaking: देश के दिल दिल्ली की धड़कने एक रात की बारिश में थमने लगती है. ये कोई नई बात नहीं है कि बारिश के कारण NCR के हालात बिगड़े हों. ऐसा हर बारिश में होता है. बुधवार रात को कुछ घंटे तेज बारिश हुई. इससे दिल्ली की सड़कें लबालब भर गईं. कई स्थानों पर अभी भी पानी जमा हुआ है. कुछ लोगों के डूबने की भी खबर हैं. लेकिन, मामला गंभीर तब और ज्यादा हो जाता है जब पानी की तरह पैसे बहाकर बनाई गई संसद से ही बारिश का पानी टपकने लगे. कल रात की बारिश में कुछ ऐसा ही हुआ.
बुधवार को हुई बारिश के बाद नए संसद भवन के मकर द्वार पर पानी भर गया. इसके साथ ही संसद भवन के लॉबी में कुछ स्थानों पर पानी का रिसाव हुआ. सांसदों की आवाजाही वाले गलियारे में ऊपर से पानी टपकता देखा गया. इसके लिए प्रबंधन ने टप भी रख दिया. अब इसे लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है.
संसद भवन से पानी टपकने के मामले पर अखिलेश यादव ने कहा कि नई संसद से अच्छी तो वो पुरानी संसद थी. जहां पुराने सांसद भी आकर मिल सकते थे. क्यों न फिर से पुरानी संसद चलें. कम-से-कम तब तक के लिए, जब तक अरबों रुपयों से बनी संसद में पानी टपकने का कार्यक्रम चल रहा है. जनता पूछ रही है कि भाजपा सरकार में बनी हर नई छत से पानी टपकना, उनकी सोच-समझ कर बनाई गई डिजाइन का हिस्सा तो नहीं है.
लालू यादव की RJD ने भी संसद में पानी टपकने के मामले पर सरकार पर तंज कसा है. आधिकारिक हैंडल से लिखा गया '70 साल - 70 साल करने वाले 70 सालों के बाद अपने महिमामंडन के लिए जबर्दस्ती अरबों रुपये खर्च करके भी ऐसी संसद नहीं बना पाए जो 17 मिनट की बारिश झेल जाए. नए संसद भवन के 'मकर द्वार' पर थोड़ी सी बारिश में ही 'मकर' के तैरने की व्यवस्था हो गई.
नई संसद में बारिश का पानी आने पर कांग्रेस भड़क गई है. लोकसभा में पार्टी के सचेतक मणिकम टैगोर ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा 'बाहर पेपर लीकेज, संसद में वाटर लीकेज. राष्ट्रपति द्वारा इस्तेमाल होने वाली लॉबी में लीकेज चौंकाने वाला है. संसद के नए भवन में ऐसा होना समस्याओं को उजागर करता है'. ये निर्माण पूरा होने के महज एक साल बाद ही सामने आई है. कांग्रेस सांसद ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है.