तालिबान से लाए हथियार, पाकिस्तान की मदद से अटैक, खुला पहलगाम हमले का राज
श्रीनगर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच जारी है. एनआईए को पाकिस्तान के शामिल होने के सबूत मिले हैं. जांच में अमेरिकी और चीनी हथियारों का इस्तेमाल हुआ. आतंकियों को स्थानीय लोगों से मदद मिली थी. तालिबान से हथियार खरीदने की आशंका है. सुरक्षा एजेंसियां मामले की तह तक जाने में जुटी हैं.

पुलवामा के बाद कश्मीर में पर्यटकों पर हुआ यह दूसरा बड़ा आतंकी हमला है, जिसमें 28 लोगों की मौत हो चुकी है.राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस हमले की जांच शुरू कर दी है और शुरुआती जांच में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और उनके स्थानीय सहयोगियों की संलिप्तता का संकेत मिला है.
जांच में पता चला है कि हमले में शामिल आतंकवादियों के पास अमेरिकी निर्मित M4 कार्बाइन असॉल्ट राइफलें और चीनी निर्मित एके-47 राइफलें थीं.M4 कार्बाइन राइफलें अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे में आई अमेरिकी हथियारों में से हैं, जिन्हें बाद में पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों को बेचा गया.एके-47 राइफलें चीन में बनी हैं, जो पाकिस्तान को आपूर्ति की जाती हैं.यह दर्शाता है कि पाकिस्तान और चीन की साझेदारी आतंकवादियों को अत्याधुनिक हथियारों की आपूर्ति में सहायक है.
स्थानीय सहयोग और हमले की योजना
हमले में शामिल आतंकवादियों के साथ दो स्थानीय सहयोगी भी थे, जो उन्हें मार्गदर्शन और आपूर्ति प्रदान कर रहे थे.आतंकवादी किश्तवाड़ से होकर बैसरन पहुंचे, जहां स्थानीय मदद से उन्होंने हमला किया.स्थानीय लोगों की संलिप्तता से यह स्पष्ट होता है कि आतंकवादियों को स्थानीय स्तर पर समर्थन प्राप्त था.
सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया और जांच
सुरक्षा बलों ने हमले के बाद इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया है और स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है.NIA ने हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों की पहचान करने के लिए जांच तेज कर दी है.यह हमला कश्मीर घाटी में पर्यटन उद्योग को निशाना बनाने की एक बड़ी साजिश प्रतीत होती है, जिसका उद्देश्य घाटी की छवि को धूमिल करना है.
इस हमले के बाद, भारत सरकार ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जवाबदेह ठहराने की मांग की है और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की आवश्यकता जताई है.


