2024 के मौसम ने खूब सताया, 2025 में भी झेलनी पड़ेगी रिकॉर्ड तोड़ गर्मी; पढ़ें WMO का रिपोर्ट
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने चेतावनी दी है कि 2024 का रिकॉर्ड तोड़ तापमान अगले साल भी जारी रहेगा, जिससे जलवायु संकट की गंभीरता और बढ़ेगी. ग्रीनहाउस गैसों के उच्चतम स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा पार होने की संभावना है, जो पेरिस समझौते के लिए खतरे का संकेत है.
WMO Report: विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने चेतावनी दी है कि 2024 का रिकॉर्ड तोड़ तापमान अगले साल भी जारी रहेगा. ग्रीनहाउस गैस (GHG) का स्तर अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जिससे भविष्य में और अधिक गर्मी पड़ने की संभावना है. बता दें कि यूके मेट ऑफिस के पूर्वानुमान के अनुसार, 2025, 2024 और 2023 के साथ वैश्विक औसत तापमान के तीन सबसे गर्म वर्षों में शामिल होगा. WMO का अनुमान है कि 2024 रिकॉर्ड पर अब तक का सबसे गर्म वर्ष होगा. यह पहली बार होगा जब पेरिस समझौते में निर्धारित 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार किया जाएगा.
जलवायु संकट की गंभीरता
आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, ''पिछले दस वर्षों के भीतर सबसे गर्म वर्षों का रिकॉर्ड बनाया गया है, जिसमें 2024 भी शामिल है. यह जलवायु संकट का वास्तविक समय में टूटना है.'' उन्होंने देशों से आग्रह किया कि 2025 में उत्सर्जन में कटौती और नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं.
चरम मौसम की घटनाएं बढ़ीं
वहीं आपको बता दें कि डब्लूएमओ की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि जलवायु परिवर्तन ने 2024 में 29 चरम मौसम घटनाओं में से 26 को और अधिक गंभीर बना दिया, जिससे 3,700 से अधिक लोगों की मौत हुई और लाखों लोग विस्थापित हुए. डब्लूएमओ महासचिव सेलेस्टे साउलो ने कहा, ''हर डिग्री का बढ़ना महत्वपूर्ण है और जलवायु जोखिम को बढ़ाता है.''
1.5 डिग्री की सीमा अभी भी पहुंच में
इसके अलावा आपको बता दें कि डब्लूएमओ ने स्पष्ट किया कि एक या दो वर्षों में 1.5 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाना पेरिस समझौते के दीर्घकालिक लक्ष्यों को विफल नहीं करता.