Weather Update : खूब जमकर बरसे बादल, पिछले एक दशक में 55 फीसदी तक कई इलाकों में दर्ज की गई बारिश
Weather Update : दिल्ली–एनसीआर के अधिकांश हिस्से में दक्षिण –पश्चिम मानसून की बारिश में पिछले दशक के दौरान बढ़ोतरी देखी जा रही है. साथ ही 55 फीसदी तहसीलों में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है.
हाइलाइट
- बिहार, उत्तराखंड, असम और मेघालय की स्थिति.
- मानसून की बारिश में देखी गई गिरावट.
Weather Update: दक्षिण पश्चिम मानसून की बारिश पर एक अहम रिपोर्ट सामने आई है. एक अध्ययन में दावा किया गया है कि पिछले एक दशक में जमकर बारिश हुई देश के लगभग 55 प्रतिशत तहसीलों में 10 प्रतिशत से भी अधिक बारिश दर्ज की गई है. अध्ययन में दावा किया गया है कि पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों और जलवायु परिवर्तन के बावजूद 2012 से 2022 के दौरान आधे से अधिक भारत में जमकर बारिश हुई.
मानसून की बारिश में देखी गई गिरावट
जानकारियों के मुताबिक, पिछले एक दशक के दौरान 11 प्रतिशत तहसीलों में दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश में गिरावट भी देखी गई. बारिश की मात्रा पर स्टडी करने वाली संस्था एक स्वतंत्र थिंक टैंक–द काउंसिल आज एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर है.
4500 तहसीलों में निकाला बारिश का डेटा
इसके विश्लेषण के अनुसार, पूरे भारत की 4500 से अधिक तहसीलों में पिछले 40 साल की बारिश के डेटा का अध्ययन किया गया है. जिन तहसीलों में कम बारिश हुई है उसमें सिंधु-गंगा के मैदानी इलाके प्रमुख हैं, पूर्वोत्तर भारत और हिमाचल के ऊपरी इलाकों में भी बारिश कम हुई है.
बिहार, उत्तराखंड, असम और मेघालय की स्थिति
बारिश में 10 प्रतिशत से भी अधिक बढ़ोतरी को बेहद उत्साहजनक नहीं माना जा रहा है, ऐसा इसीलिए क्योंकि बारिश जरुरत के अनुसार अलग-अलग शहरों में हुई. जिन तहसीलों में दक्षिण पश्चिम मानसून की बारिश कम हुई इसमें 87 प्रतिशत बिहार, उत्तराखंड के साख-साथ असम और मेघालय जैसे प्रदेश भी शामिल हैं. खरीफ फसल की बुआई के लिए अहम जून-जुलाई के दौरान बारिश में कमी की मार झेलने वाले किसानों को उत्पादन खराब होने का दंश भी झेलना पड़ा है.