ड्रैकुला नाम से ऐसा लगता है कि ये खून पीते हैं. ये बहुत कर्कश आवाज निकालते हैं. इनकी चोंच गिद्ध जैसी लगती है. इसके बारे में क्या सच्चाई. यह तोते कहां मिलते हैं आप यह जानना ताहते होंगे.
अगर आप इन तोतों को देखेंगे तो आपको लगने लगेगा कि अगर इन्हें ड्रैकुला तोते कहा जाता है तो इसमें कोई गलत नहीं है. इनका हेयरस्टाइल भी खास ही तरह का है.
अगर आप इन तोतों को देखेंगे तो आपको लगने लगेगा कि अगर इन्हें ड्रैकुला तोते कहा जाता है तो इसमें कोई गलत नहीं है. इनका हेयरस्टाइल भी खास ही तरह का है.
असलियत यह है कि ड्रैकुला तोते वास्तव में ड्रैकुला और कोई पिशाच नहीं होते. ये बहुत उधम मचाने वाले पक्षी हैं और सब कुछ नहीं खाते बल्कि अंजीर की कुछ खास प्रजातियों को ही खाते हैं.
इनके तोतों के सिर पर पंखों की कमी होती है जिससे इनका सिर इनके शरीर की तुलना में ज्यादा छोटा लगता है. हो सकता है कि ऐसा इसलिए हो कि अंजीर खाने के बाद उसका चिपचिपा रस उसके शरीर और पंखों से नहीं चिपके. वैसे ये फूल और मीठे दूसरे फल भी खाते हैं.
इन तोतों की चोंच असामान्य रूप से झुकी हुई होती है, जिसके कारण यह तोते गिद्ध की तरह नजर आते हैं. यह न्यू गिनी के जंगलों में ऊंचाई पर पाये जाते हैं. ये बड़े और खोखले पेड़ों में अपना घोंसला बनाता है.
इनकी लंबाई लगभग 46 सेमी, वजन लगभग 700 ग्राम होता है और ये 20 से 40 वर्षों तक जीवित रह सकते हैं .नर ड्रैकुला तोते की आंखों के पीछे एक छोटा सा लाल धब्बा होता है, जो उन्हें मादाओं से अलग करता है.
इस प्रजाति को आधिकारिक तौर पर दुर्लभ श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है, क्योंकि इनके शानदार पंखों के कारण इनका काफी शिकार किया जाता है. इसके पंख अत्याधिक बेशकीमती होते हैं. रही बात कि क्या ये खून पीते हैं तो ये बात बिल्कुल गलत है.