Security breach in Parliament : भारत की संसद में सुरक्षा चूक के बाद जहां आरापियों को पुलिस गिरफ्तार कर रही है, वहीं संसद की सुरक्षा को लेकर नियमों में बदलाव भी किए जा रहे हैं. 13 दिसंबर को लोकसभा में दर्शक दीर्घा से दो युवा कूदकर सांसदों के बीच पहुंच गए थे और पीला धुंआ छोड़ दिया था. इसके बाद से संसद की सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. बता दें कि 13 दिसंबर 2001 के दिन संसद में आतंकी हमला हुआ था. हालांकि अभी संसद के अंदर जो युवक कूदे उसको सुरक्षा चूक माना जा रहा है. इस घटना के बाद से संसद में सुरक्षा को लेकर कई अहम बदलाव किए गए हैं, जिनके बारे में आज हम समझेंगे.
भारत का कोई भी नागरिक संसद में जाकर कार्यवाही को देख सकता है. इसके लिए लोकसभा या राज्यसभा के किसी सांसद के द्वारा पास बनवाना पड़ता है. संसद में कार्यवाही देखने जाने के लिए सुरक्षा का खास ध्यान रखना होता है, क्योंकि संसद को सार्वजनिक स्थल की तरह नहीं रखा जा सकता है. इस पर हमला देश पर हमला माना जाता है. इसलिए संसद की कार्यवाही देखने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति को बहु स्तरीय सुरक्षा प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.
संसद में कार्यवाही देखने जाने के लिए व्यक्ति को कई तरह के सुरक्षा घेरों से होकर गुजरना पड़ता है और अंदर सुरक्षा के नियमों का पालन करना होता है और इसके लिए कई तरह की जांच प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है. संसद में प्रवेश से पहले दर्शक और उसके सामान की तलाशी ली जाती है. ऐसा कम से कम तीन बार होता है. पहले बाहरी गेट से संसद भवन के गेट पर, फिर भवन के अंदर प्रवेश से पहले और फिर दर्शक दीर्धा में जाने से पहले गहन तलाशी होती है.
संसद में सुरक्षा चूक के बाद सबसे बड़ा बदलाव प्रवेश के नियमों को लेकर हुआ है. अब सांसदों, स्टाफ और प्रेस के लोगों के लिए प्रवेश अलग होगा. जबकि दर्शक केवल चौथे दरवाजे से ही अंदर जा सकेंगे. फिलहाल संसद की दर्शक दीर्घा में अगले आदेश तक के लिए प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है. वहीं संसद में प्रवेश के लिए पास बनने पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है. फिलहाल दर्शकों का प्रवेश रोक दिया गया है.
सुरक्षा के लिहाज से अंदर जाने वाले व्यक्ति को कई चरणों में मेटल डिटेक्टर्स से गुजरना पड़ता है. इसके साथ ही आधुनिक गैजेट, रेडियो फ्रीक्वेंसी वाले उपकरणों से भी व्यक्ति की जांच होती है. लेकिन इतना ही काफी नहीं होता है दर्शक को पहले एक पास के लिए आवेदन देना होता है और यह पास जारी करवाना भी आसान नहीं है, बल्कि इसके लिए भी एक कड़ी प्रक्रिया है.
संसद में एक और बड़ा बदलाव यह देखने के लिए मिलेगा कि दर्शक दीर्घा के ग्लास लगाया जाएगा, जिससे कोई भी लोकसभा के चेम्बर में कूद ना सके. वहीं अधिकारी पूरे शरीर की जांच के लिए फुल बॉडी स्कैन मशीन स्थापित करेंगे और संसद में सुरक्षा कर्मियों की संख्या में भी खासा इजाफा किया जा रहा है.
संसद परिसर में प्रवेश के पास के लिए आवेदन केवल सांसद दे सकता है. आवेदन करने वाले सभी सांसदों को एक स्वीकृति देनी होती है कि वे दर्शक को व्यक्तिगत तौर पर जानते हैं और उसकी पूरी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं. लोकसभा की नियम पुस्तिका के मुताबिक सांसदों द्वारा दिए गए आवेदन में दर्शक की पूरी जानकारी देनी होती है. First Updated : Friday, 15 December 2023