सेम सेक्स मैरिज पर SC के फैसले को लेकर क्या कुछ बोल गए असदुद्दीन ओवैसी
Asaduddin Owaisi On Same Sex Marriage: AIMIM प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सेम सैक्स मैरिज को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है.
Asaduddin Owaisi On Same Sex Marriage: AIMIM प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सेम सैक्स मैरिज को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी ने मंगलवार 17 अक्टूबर को अपने अधिकारिक X हैंडल से पोस्ट किया. सुप्रीम कोर्ट संसदीय सर्वोच्चता के सिद्धांत को बरकरार रखा है. यह तय करना अदालतों पर निर्भर नहीं है कि कौन किस कानून के तहत शादी करेगा."
असदुद्दीन ओवैसी ने बिंदुवार तरीके से अपनी बात रखी और पहले बिंदू में SC ने संसदीय सर्वोच्चता के सिद्धांत को बरकरार रखा है. यह तय करना अदालतों पर निर्भर नहीं है कि कौन किस कानून के तहत शादी करेगा.
आगे उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, मेरा ईमान और मेरी अंतरात्मा कहती है कि शादी केवल एक पुरुष और एक महिला के बीच होती है. यह 377 के मामले की तरह गैर-अपराधीकरण का सवाल नहीं है, यह विवाह की मान्यता के बारे में है. यह सही है कि राज्य इसे किसी एक और सभी पर लागू नहीं कर सकता.
#SameSexMarriage
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 17, 2023
1. SC has upheld the principle of parliamentary supremacy. It is not up to the courts to decide who gets married under what law.
2. My faith and my conscience says that marriage is only between a man and a woman. This is not a question of decriminalisation like…
तीसरे बिंदू में उन्होंने कहा कि, "मैं पीठ की उस टिप्पणी से चिंतित हूं कि ट्रांसजेंडर लोग एसएमए और पर्सनल लॉ के तहत शादी कर सकते हैं. जहां तक इस्लाम का सवाल है तो यह सही व्याख्या नहीं है क्योंकि इस्लाम दो जैविक पुरुषों या दो जैविक महिलाओं के बीच विवाह को मान्यता नहीं देता है."
चौथे ट्वीट में उन्होंने कहा कि, "मैं न्यायमूर्ति भट्ट से सहमत हूं "विशेष विवाह अधिनियम की लिंग-तटस्थ व्याख्या कभी-कभी न्यायसंगत नहीं हो सकती है और इसके परिणामस्वरूप महिलाओं को अनपेक्षित तरीके से कमजोरियों का सामना करना पड़ सकता है"