दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री को क्या सुविधाएं मिलती हैं?
दिल्ली चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की है. चुनाव में आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में एक सवाल यह भी उठता है कि दिल्ली के पूर्व सीएम को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि दिल्ली के पूर्व सीएम को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख नेताओं को करारी हार का सामना करना पड़ा. अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जैसे पार्टी के दिग्गज नेताओं को जनता ने रिजेक्ट कर दिया. हालांकि, दिल्ली की मुख्यमंत्री और पार्टी की प्रमुख सदस्य आतिशी मार्लेना ने अपनी सीट पर जीत दर्ज की. इस हार के बाद, यह सवाल उठता है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं, जानिए इसके बारे में.
पूर्व मुख्यमंत्री के अधिकार
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री को कुछ विशेष सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि मुख्यमंत्री रहते हुए उन्हें जो सुविधाएं मिलती थीं, वो अब उपलब्ध नहीं होतीं. पूर्व मुख्यमंत्री को मिलने वाली सुविधाओं में परिवर्तन होता है, लेकिन कुछ अधिकार सुनिश्चित रहते हैं, जैसे विधायक के तौर पर उनकी सैलरी और भत्ते.
दिल्ली के पूर्व सीएम की सैलरी
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री को विधायक के तौर पर बेसिक सैलरी, यात्रा भत्ता, टेलीफोन खर्च और अन्य भत्ते मिलते हैं. हालांकि, अगर वह विधायक नहीं रहते तो उन्हें यह सारी सुविधाएं नहीं मिलतीं और उनकी सैलरी में कमी हो जाती.
क्या मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद सरकारी बंगला मिलता है?
मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद दिल्ली के पूर्व सीएम को सरकारी बंगला, गाड़ी और जेड सिक्योरिटी जैसी सुविधाएं नहीं दी जातीं. यह सुविधाएं केवल मुख्यमंत्री पद पर रहने के दौरान मिलती हैं. पद छोड़ने के बाद ये सुविधाएं समाप्त हो जाती हैं.
क्या दिल्ली के पूर्व सीएम को पेंशन मिलती है?
भारत में किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री को सरकारी पद से हटने के बाद पेंशन का प्रावधान नहीं है. दिल्ली के पूर्व सीएम को भी पेंशन नहीं मिलती है, हालांकि विभिन्न राज्यों के नियम अलग हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर ऐसे मामलों में पेंशन की कोई व्यवस्था नहीं होती.
दिल्ली में विधायक को पेंशन
दिल्ली में एक विधायक का पहला कार्यकाल खत्म होने के बाद उन्हें हर महीने 15,000 रुपये की पेंशन मिलती है. इसके अलावा, अगर विधायक दोबारा चुनकर आते हैं, तो उनके पेंशन में हर साल 1,000 रुपये की बढ़ोतरी होती है.
अरविंद केजरीवाल की सरकारी आवास की मांग
अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सरकारी आवास की मांग की थी. हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें सरकारी आवास नहीं मिल सकता था, लेकिन क्योंकि आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी है, इस कारण केजरीवाल को पार्टी के प्रमुख के रूप में यह सुविधा मिल सकती है. इसके लिए प्रोटोकॉल के तहत केंद्र सरकार को उन्हें आवास उपलब्ध कराना पड़ता है.