स्टार्मर का PM बनने के बाद क्या होगा पहला कदम भारत पर कितना पड़ेगा असर, समझें

किएर स्टार्मर की लेबर पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल करते हुए 400 से ज़्यादा सीटों पर कब्ज़ा किया है. वहीं सुनक की कंजरवेटिव पार्टी 120 के आसपास सीटों पर सिमट गयी है. अब सवाल है कि किएर स्टार्मर के प्रधानमंत्री बनने से भारत और ग्रेट ब्रिटेन के रिश्ते पर क्या असर पड़ेगा. ऋषि सुनक भारतीय मूल के हैं और उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार संबंधों में पॉजिटिव बदलाव की उम्मीद थी.

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ब्रिटेन में आम चुनाव के नतीजे आ गए है. ऐसे में लेबर पार्टी आधिकारिक तौर पर अगली सरकार बनाएगी. कीर स्टार्मर ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री होंगे. चुनाव में हार के बाद ऋषि सुनक ने कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन इन सब के बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि ब्रिटेन की सत्ता में स्टार्मर के आने से भारत पर क्या असर होगा. आइए जानते हैं. 

ऋषि सुनक भारतीय मूल के हैं और उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार संबंधों में पॉजिटिव बदलाव की उम्मीद थी. हालांकि, कीर स्टार्मर के आने से भी उम्मीद है कि भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार संबंध मजबूत होंगे. स्टार्मर ने अपने चुनाव प्रचार में अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्राथमिकता देने की बात कही है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के नए अवसर पैदा हो सकते हैं.

कैसा है भारत और ब्रिटेन का रिश्ता

बात करें भारत और ब्रिटेन के रिश्ते की तो दोनों ही देशों के बीच पिछले कई दशक से स्थिर संबंध रहे हैं. किएर स्टार्मर की प्राथमिकता उसे बहाल रखने की होगी. आखिरी बार जब वहां लेबर पार्टी की सरकार थी तब भी दोनों देशों के रिश्ते स्थिर रहे थे. पिछले 5 सालों में दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध नए मुकाम पर पहुंचे हैं और ब्रिटेन की दोनों प्रमुख पार्टियां भारत के साथ मुक्त व्यापार के मुद्दे पर सहमत है. दोनों देशों के बीच 2022-23 में 20.36 अरब डॉलर का व्यापार था. 2023-24 में बढ़कर 21.34 अरब डॉलर हो गया है. 

भारतीयों को ब्रिटेन में मिला समर्थन

ऋषि सुनक के कार्यकाल में प्रवासी भारतीयों को ब्रिटेन में समर्थन मिला था. कीर स्टारमर के आगमन के बाद भी उम्मीद है कि भारतीय समुदाय के हितों की रक्षा होगी. स्टार्मर ने ब्रिटेन में विविधता को बढ़ावा देने का वादा किया है, जिससे भारतीय समुदाय को फायदा हो सकता है. भारत और ब्रिटेन के बीच सामरिक और सुरक्षा संबंध भी महत्वपूर्ण हैं. ऋषि सुनक के समय दोनों देशों ने सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए थे. कीर स्टारमर के नेतृत्व में भी यह सहयोग जारी रह सकता है. स्टारमर ने आतंकवाद और साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग की बात की है, जो भारत के लिए महत्वपूर्ण है.

शिक्षा और सांस्कृतिक संबंध

भारत और ब्रिटेन के बीच शिक्षा और सांस्कृतिक संबंध भी महत्वपूर्ण हैं. ऋषि सुनक के समय कई भारतीय छात्रों ने ब्रिटेन में पढ़ाई के लिए दाखिला लिया. कीर स्टारमर के आने से भी यह प्रक्रिया जारी रह सकती है. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की बात कही है, जिससे भारतीय छात्रों को फायदा हो सकता है.

स्टार्मर भी रखना चाहते है पीएम से रिश्ता

लेबर पार्टी के नेता और नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे कीर स्टार्मर भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि वो पीएम नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखना चाहते हैं. स्टार्मर की ये पॉलिसी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन की नीतियों से काफी अलग है.ऐसे में अगर ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सरकार भारत के साथ रिश्ते सुधारने को अपने एजेंडे का हिस्सा बनाती है, तो नए पीएम कीर स्टार्मर को भारत के साथ FTA पर साइन करने को अपनी प्राथमिकता में शामिल करना होगा.  First Updated : Friday, 05 July 2024