What is AFSPA: मणिपुर में हालात बिगड़ता देख केंद्र ने इन इलाकों में लगाया AFSPA, जानिए क्या है यह कानून
Manipur: जिरीबाम में 11 नवंबर को उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में 11 उग्रवादी मारे गए थे. इसके बाद से इलाके में तनाव बढ़ गया है. यहां 7 नवंबर से शुरू हुई हिंसा में 14 लोग मारे गए हैं.
Centre Reimposes AFSPA in Six Police Station Limits in Manipur: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 14 नवंबर 2024 को मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बीच स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पांच जिलों में छह पुलिस थानों की सीमा को "अशांत क्षेत्र" घोषित कर दिया और सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) को फिर से लागू कर दिया है.
AFSPA को पहली बार अप्रैल 2022 में मणिपुर सरकार ने हटा लिया था, क्योंकि उस समय स्थिति बेहतर थी और आम जनता को सुरक्षा का एहसास था. लेकिन अब हालात बिगड़ने के कारण इसे फिर से लागू किया गया है. नया आदेश 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगा.
AFSPA के तहत क्या होता है?
AFSPA का उद्देश्य अशांत क्षेत्रों में शांति बनाए रखना है. जब किसी इलाके में स्थिति बहुत बिगड़ जाती है, जैसे आतंकवाद या विद्रोह के कारण, तब इसे लागू किया जाता है. इस कानून के तहत, सुरक्षा बलों को यह अधिकार मिलता है कि वे बिना किसी वारंट या अनुमति के किसी भी व्यक्ति पर कार्रवाई कर सकते हैं. इसमें सुरक्षाबलों को घरों की तलाशी लेने, संपत्ति को नष्ट करने और किसी को भी संदेह के आधार पर गिरफ्तार करने का अधिकार मिल जाता है.
मणिपुर के कौन से इलाके हैं प्रभावित?
केंद्र सरकार ने जिन इलाकों में AFSPA लागू किया है, उनमें शामिल हैं:
- इम्फाल पश्चिम जिले में सेकमाई और लामसांग पुलिस थाने की सीमा
- इम्फाल पूर्व जिले में लामलाई थाना
- जिरीबाम जिले में जिरीबाम थाना
- बिष्णुपुर जिले में मोइरांग थाना
- कांगपोकपी जिले में लीमाखोंग
इन क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को विद्रोही गतिविधियों को रोकने के लिए समन्वित अभियान चलाने का अधिकार मिलेगा.
मणिपुर में हालात कैसे बिगड़े?
11 नवंबर 2024 को जिरीबाम जिले में कुछ उग्रवादियों ने सैनिकों की वर्दी पहनकर एक पुलिस थाने और सीआरपीएफ शिविर पर हमला किया था. इस हमले में सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में 11 उग्रवादी मारे गए. अगले दिन यानी 12 नवंबर को आतंकवादियों ने महिलाओं और बच्चों समेत 6 नागरिकों को अगवा कर लिया. इस घटना के बाद से इलाके में तनाव बढ़ गया है. 7 नवंबर से शुरू हुई हिंसा में अब तक 14 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं. इन घटनाओं के बाद केंद्र सरकार ने फैसला किया कि AFSPA फिर से लागू किया जाए ताकि स्थिति को काबू में किया जा सके.