What is auger machine : उत्तरकाशी में टनल के ढहने से अंदर फंसे मजदूरों को बचाने के लिए सुरक्षा एजेंसियां और सेना के जवान तैतान हैं. जल्द से जल्द लोगों को बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. भारत सरकार ने टनल की खुदाई करने के लिए अमेरिका से खास तरह की मशीन मंगवाई है. आपने टेलीविजन और अखबारों में ऑगर मशीन देखी होगी. उत्तरकाशी में सिक्यारा टनल पर जिस मशीन (ऑगर मशीन) काम पर लगाई गई है, उसके बारे में दावा है कि वो एक बार में 50 मीटर तक ड्रिल कर सकती है. ऐसे में आपके दिमाग में यह बात तो आ रही होगी कि ऑगर मशीन क्या होती है, जिसका मुख्य काम जमीन में छेद करना है.
ऑगर ड्रिलिंग मशीन कितना काम करती है?
उत्तरकाशी के टनल पर जो ऑगर ड्रिलिंग मशीन काम कर रही है, वो अमेरिकी ऑगर मशीन है, जिसे हाल ही में मंगवाया गया है. वायुसेना के तीन परिवहन विमानों ने दिल्ली से एयरलिफ्ट करके देहरादून तक पहुंचा है. यहां से सड़क के रास्ते मौके पर पहुंची है. ये मशीन 05 मीटर प्रति घंटे के हिसाब से टनल में ड्रिल कर सकती है. मतलब 10 घंटे में 50 मीटर तक खुदाई कर लेगी.
ड्रिल करने के साथ मलबा भी बाहर निकालती है
इस मशीन को इंजीनियरिंग होरीजोंटल ऑगर ड्रिलिंग मशीन भी कहा जाता है. यह मशीन चट्टानों और मलबे गड्ढ़ा करने का साथ ही मलवे के अंदर जाकर और जगह बनाती है और इसके घुमावदार ब्लेड मलबे को वहां से बाहर भी निकालने का काम करते हैं.
ड्रिलिंग मशीन क्या होती है
यह एक कटिंग हेड, एक फ्लाइटेड ड्राइव ट्यूब और एक ड्राइव मैकेनिज्म से बनी होती है. मशीन में लगा घुमावदार कटर का सिर पृथ्वी में अंदर जाता है मशीन के साथ जुड़े ड्राइव मैकेनिज्म के जरिए इससे जमीन में छेद कियी जाता है. इससे जमीन में गड्ढ़ा बनता है. यह प्रक्रिया कई बार करने पर यह मशीन पृथ्वी के अंदर या टनल में मलबा खत्म करने का काम करती है.
काम के हिसाब से कई तरह की होती हैं ड्रिलिंग मशीनें
ऑगर मशीनों को उनकी साइज और काम के हिसाब से अर्थ ऑगर्स, अर्थ ड्रिल या पोस्ट-होल ऑगर्स के रूप में जाना जाता है. ऑगर मशीनों का उपयोग आमतौर पर निर्माण परियोजनाओं में किया जाता है. बड़ी क्षमता वाले अर्थ ऑगर्स का उपयोग गहरी खुदाई करने और जमीन से पानी या तेल जैसे तरल पदार्थ निकालने के लिए किया जा सकता है. ऑगर्स सर्पिल आकार के उपकरण होते हैं, जिनके किनारे पैने और ब्लेड की तरह होते हैं. डिवाइस के अंत में एक ब्लेड के साथ एक शाफ्ट या मोटे लोहे का खास तरह का स्तंभ होता है, जो ब्लेड को घुमता है.
First Updated : Saturday, 25 November 2023