Vidhan sabha 2023: बिना चेहरे के बीजेपी भर सकती है तीन राज्यों के चुनावी रण में हुंकार, जानें क्या है भाजपा का सीक्रेट प्लान

Vidhan Sabha 2023: इस साल के अंत में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी सीएम चेहरा पेश नहीं करेगी. वहीं बहुसंख्यक हिंदी भाषी राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में इसका खास ख्याल रखा जाएगा.

calender

Vidhan Sabha 2023: इस साल के अंत में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी सीएम चेहरा पेश नहीं करेगी. वहीं बहुसंख्यक हिंदी भाषी राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में इसका खास ख्याल रखा जाएगा. जबकि, तेलंगाना और मिजोरम का चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने 'सामूहिक नेतृत्व' पर भरोसा करने की योजना बनाई है. बीजेपी के एक वरिष्ठ सूत्र ने सोमवार को मीडिया से बाचतीच के दौरान इसकी जानकारी दी है.

शिवराज सिंह के नाम का नहीं हुआ ऐलान

चुनाव से पहले बीजेपी की रणनीति में यह बदलाव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक भविष्य को लेकर चल रही अटकलों के बीच आई है. गौरतलब है कि अब तक उम्मीदवार के रूप में शिवराज सिंह चौहान के नाम का एलान नहीं किया गया है. चर्चा ये भी है कि सत्ता विरोधी लहर को देखते हुए पार्टी उन्हें हटा सकती है. हालांकि इससे पहले मीडिया से बातचीत के दौरान सूत्रों ने शिवराज सिंह चौहान को साइडलाइन किए जाने या हटाए जाने की चर्चा को पूरी तरह से गलत बताया है.

बता दें कि बीजेपी की स्थापना के बाद यह दूसरा मौका है, जब मुख्यमंत्री होते हुए भी पार्टी सामूहिक नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतरने जा रही है. इससे पहले साल 2021 में सर्वानंद सोनोवाल के मुख्यमंत्री रहते हुए भी पार्टी ने सामूहिक नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतरी थी.

राजस्थान में सीएम का चेहरा कौन?

साल के अंत में जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है उसमें तीन हिंदी पट्टी के राज्य हैं. जिसमें से एक प्रमुख राज्य राजस्थान है. यहां भी चुनावी मैदान में कांग्रेस और बीजेपी सीधे आमने-सामने हैं. ऐसा पहली बार है जब बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान नहीं किया जाएगा. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की दावेदारी यहां सबसे मजबूत मानी जा रही थी, जबकि अर्जुन मेघवाल की दावेदारी मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में उभरकर सामने आयी है. लेकिन पार्टी ने अशोक गहलोत के खिलाफ सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

सामूहिक नेतृत्व में छत्तीसगढ़ चुनाव लड़ेगी बीजेपी

वहीं, मध्य प्रदेश और राजस्थान की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी फिलहाल सीएम चेहरे के रूप में किसी को भी सामने नहीं रखा है. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, प्रदेशाध्यक्ष अरूण साहो, दसवां सांसद सरोज पांडे और राम विचार नेताम जैसे दिग्गज नेताओं के होते हुए बीजेपी ने बगैर किसी एक चेहरे के सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है.  First Updated : Tuesday, 26 September 2023