Exit Poll 2023: इस साल के अंत में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में एक राज्य तेलंगाना भी शामिल है, जहां 119 विधानसभा सीटों के लिए आज गुरुवार, 30 नवंबर को मतदान किया जा रहा है. इस से पहले मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मतदान की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. अब 3 दिसंबर को आने वाले इन राज्यों के चुनाव नतीजों पर सभी की नजर होगी. लेकिन उससे पहले आज शाम ही इन पांचों राज्यों के एग्जिट पोल आने वाले हैं.
तेलंगाना में जारी वोटिंग खत्म होने के बाद ही इसकी भी उलटी गिनती शुरु हो जाएगी. इस बीच इसको लेकर सवाल उठ रहा है कि एग्जिट पोल असल में क्या है? इसे भारत में पहली बार कब और कैसे उपयोग में लाया गया था? क्या एग्जिट पोल के अनुसार ही नतीजे रहते हैं.
क्या होता है एग्जिट पोल?
एग्जिट पोल एक तरह का चुनावी सर्वे है जो किसी प्राइवेट कंपनी और मीडिया संस्थान द्वारा किया जाता है. एग्जिट पोल में हर एक विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्रों से मतदान करके बाहर निकले मतदाताओं से पूछा जाता है कि उन्होंने किस पार्टी या प्रत्याशी को वोट दिया है. इस सर्वे के दौरान प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण करके यह अनुमान लगाया जाता है कि चुनावी नतीजे क्या होंगे? लेकिन, एग्जिट पोल के परिणाम मतदान के दिन प्रसारित नहीं किया जा सकता है, चुनाव आयोग ने इस पर प्रतिबंध लगा रखा है. हालांकि, यह प्रतिबंध मतदान के बाद लागू नहीं होता है.
कब किया जाता है एग्जिट पोल?
किसी भी राज्य के विधानसभा सीट पर चल रहे मतदान के दिन मतदान केंद्रों के बाहर वोटिंग देकर आ रहे मतदाताओं से कुछ सवाल पूछे जाते हैं कि उन्होंने किस पार्टी या प्रत्याशी को वोट दिया है. इस सर्वे के दौरान लिए गए डाटा के आधार पर अनुमानित चुनावी नतीजे तैयार किया जाते हैं. हालांकि, कुछ मामलों में, एग्जिट पोल मतदान के पहले चरण के बाद भी जारी किया जा सकता है. उदाहरण के लिए, यदि चुनाव में दो चरण हैं और पहले चरण में मतदान प्रतिशत बहुत कम है, तो एग्जिट पोल के परिणामों से दूसरे चरण के परिणामों का अनुमान लगाने में मदद मिल सकती है.
भारत में कब हुई थी एग्जिट पोल की शुरुआत?
साल 1996 में भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत हुई थी. जिसे सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) द्वारा किया गया था. उस एग्जिट पोल में अनुमान लगाया गया था कि भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव जीतेगी और वास्तव में चुनाव बीजेपी ने ही जीता. लेकिन एग्जिट पोल के परिणामों ने चुनावी परिणामों को प्रभावित किया. इसके बाद, भारत में एग्जिट पोल का चलन बढ़ता गया. 1998 में, पहली बार किसी निजी न्यूज़ चैनल ने एग्जिट पोल का प्रसारण किया. आजकल, भारत में कई एग्जिट पोल होते हैं, जिन्हें विभिन्न एजेंसियों द्वारा किया जाता है.
First Updated : Thursday, 30 November 2023