क्या है भारत का अगला प्लान? चीनी समकक्ष से मुलाकात करेंगे NSA अजीत डोभाल

India-China Relations: सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत और चीन के बीच रिश्तों को सुधारने और सामान्य बनाने के लिए जल्द ही एक हाई लेवल मीटिंग की जाएगी. इस बीच भारत की और से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल  प्रतिनिधित्व करेंगे, जबकि चीनी समकक्ष के साथ उनकी मुलाकात होगी.

Amit Kumar
Amit Kumar

India-China Relations: भारत और चीन के बीच सीनियर लेवल पर बातचीत जल्द शुरू हो सकती है. सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह बातचीत दोनों देशों के रिश्तों को सुधारने और सामान्य बनाने के लिए की जाएगी.  इस बीच भारत की और से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल  प्रतिनिधित्व करेंगे, जबकि चीनी समकक्ष के साथ उनकी मुलाकात होगी.  दोनों देशों के बीच इस बातचीत में व्यापार, पर्यावरण साझेदारी और सुरक्षा सहयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल इस हाई लेवल बातचीत को लेकर कोई आधिकारिक तारीख या शेड्यूल जारी नहीं किया गया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि यह मुलाकात आने वाले दिनों में हो सकती है.  यह बैठक तब हो रही है जब हाल ही में दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पीछे हटाने के संबंध में एक समझौता हुआ था. 

'भारत के साथ समझौते का पालन सही दिशा में जारी है'

चीन ने सोमवार (4 नवंबर, 2024) को कहा कि भारत के साथ समझौते का कार्यान्वयन इस समय 'सुचारू रूप से' चल रहा है. हालांकि, चीन ने देपसांग और डेमचोक जैसे दो विवादित क्षेत्रों में गश्त को फिर से शुरू करने पर कोई टिप्पणी नहीं की.
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शनिवार को नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख के देपसांग क्षेत्र में वेरीफिकेशन पेट्रोलिंग फिर से शुरू कर दी है.  इसके बाद शुक्रवार को डेमचोक क्षेत्र में भी गश्त शुरू हो गई थी, जब भारतीय और चीनी सैनिकों ने इस क्षेत्र से पीछे हटने के बाद गश्त की प्रक्रिया को फिर से बहाल किया.

'LAC पर सैनिकों के पीछे हटने पर सहमति'

21 अक्टूबर 2024 को, कई हफ्तों की बातचीत के बाद भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ. इस समझौते ने 2020 में उत्पन्न हुए सीमा विवादों को सुलझाने की दिशा में उम्मीद जगाई है. समझौते के अनुसार, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त करने और सैनिकों को पीछे हटाने के लिए दोनों देशों ने सहमति जताई है. इसे चार साल से चल रहे सैन्य गतिरोध को समाप्त करने में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है.

'गलवान घाटी संघर्ष के बाद बिगड़े रिश्ते'

जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद से भारत और चीन के रिश्तों में खटास आ गई थी. इस संघर्ष ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया था, जिसके बाद कई दौर की बातचीत और सैन्य स्तर पर समझौते के प्रयास किए गए.

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05 November 2024, 09:33 PM IST

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