Explainer: अंतरिम बजट क्या है, यह नियमित बजट से कैसे अलग होता है जानिए इससे जुड़े सवालों के जवाब

What is interim budget : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 का अंतरिम बजट पेश कर रही हैं. अंतरिम बजट एक अल्पकालिक वित्तीय योजना होती है जो चुनाव के बाद नई सरकार के कार्यभार संभालने तक सरकारी व्यय को कवर करती है.आज हम आपको अंतरिम बजट और नियमित बजट के बारे में बताने जा रहे हैं.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 का अंतरिम बजट पेश कर रही है. अंतरिम बजट एक अल्पकालिक वित्तीय योजना होती है जो चुनाव के बाद नई सरकार के कार्यभार संभालने तक सरकारी व्यय को कवर करती है. दरअसरल जिस साल देश में आम चुनाव होने होते हैं उस वर्ष सरकार अंतरिम बजट का उपयोग देश की मशीनरी को बिना किसी अड़चन के आगे बढ़ाने के लिए करती है. भारत सरकार हर साल फरवरी के पहले दिन केंद्रीय बजट पेश करती है. यह बजट आगामी वित्तीय वर्ष के लिए एक वित्तीय ब्लूप्रिंट के रूप में कार्य करता है.

इस साल आम चुनाव होने हैं ऐसे में केंद्र सरकार इस साल पूर्ण बजट पेश नहीं करेगी, बल्कि इस बार 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अभी अंतरिम बजट पेश कर रही हैं. आज हम आपको नियमित बजट और चुनावी साल में पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट की परिभाषा और दोनों के बीच अंतर के बारे में बताने जा रहे हैं. 

नियमित बजट क्या होता है?

वार्षिक बजट हर साल 1 फरवरी को पेश किया जाता है, जो आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 1 अप्रैल से 31 मार्च तक का वित्तीय विवरण होता है. इस दस्तावेज़ में करों और अन्य माध्यमों से सरकार के राजस्व स्रोतों की एक व्यापक सूची शामिल होती है. इसके अलावा इसमें बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में किए जाने वाले सुझाए गए व्यय भी शामिल होते हैं.

यह दस्तावेज आने वाले पूरे वित्तीय वर्ष के लिए देश के लिए एक विस्तृत वित्तीय रोडमैप प्रदान करता है, देश के वित्तीय लक्ष्यों और नीतिगत पहलों को निर्धारित करता है और देश के आर्थिक ढांचे को आकार देता है. नियमित बजट में पारित होने से पहले व्यापक संसदीय बहस, जांच, संशोधन और चर्चा भी की जाती है.


अंतरिम बजट क्या होता है?

देश में जिस साल लोकसभा चुनाव (आम चुनाव) होते हैं, उस साल सरकार अंतरिम बजट का उपयोग देश की मशीनरी को बिना किसी अड़चन के आगे बढ़ने में मदद करने के लिए करती है. अंतरिम बजट भी फरवरी में पेश किया जाता है, हालांकि, यह आने वाले पूरे वित्तीय वर्ष के बजाय, चालू वित्त वर्ष के बचे महीनों को कवर करता है. अंतरिम बजट यह सुनिश्चित करने के लिए पेश किया जाता है कि वेतन, पेंशन और कल्याण कार्यक्रमों जैसी आवश्यक सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रह सकें. अंतरिम बजट में सरकार किसी भी बड़ी नीतिगत घोषणा या कराधान में किसी बड़े बदलाव से बचती है, ताकि चुनावी मौसम से पहले मतदाताओं को किसी भी तरह से प्रभावित करने से बचा जा सके. अंतरिम बजट निवर्तमान सरकार के कार्यकाल के शेष महीनों के लिए एक अस्थायी वित्तीय रोडमैप होता है. अंतरिम बजट में शामिल अनुमोदन प्रक्रिया भी कम जटिल है. इस पर बहुत अधिक संसदीय चर्चा भी नहीं होती है.

फाइल फोटो.

 

लेखानुदान क्या है? इसका क्या काम होता है

एक बार चुनाव संपन्न होने और नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के बाद, नई सरकार के गठन और आधिकारिक रूप से कार्यभार संभालने से पहले एक छोटी अवधि होती है. इस महत्वपूर्ण अवधि में सिस्टम कैसे काम करता है यह भी जानना जरूरी है. इसके लिए लेखानुदान की जानकारी जरूरी है. चुनाव संपन्न होने और नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद देश के सिस्टम में निरंतरता सुनिश्चित करने और प्रशासन व संचालन में किसी भी प्रकार की रुकावट से बचने के लिए 'लेखानुदान' का इस्तेमाल किया जाता है. यह सुविधा देश का प्रशासनिक और आर्थिक इंजन चलता रहे यह सुनिश्चित करने के लिए है.

यह एक अस्थायी उपाय है और नई सरकार को एक सीमित अवधि के लिए भारत की समेकित निधि से धन का उपयोग (आमतौर पर दो महीने के लिए) करने का अधिकार देता है. इसका प्रावधान इस लिए किया गया है ताकि वेतन और जारी कल्याण कार्यक्रमों जैसे तत्काल खर्चों का प्रबंधन किया जा सके. यह उपाय पूर्ववर्ती सरकार के बजट या अंतरिम बजट पर आधारित होता है.

अंतरिम बजट से जुड़े सवाल और उनके जवाब

सवाल-  बजट और अंतरिम बजट में क्या अंतर है?
जवाब-  नियमित बजट पूरे वित्तीय वर्ष के लिए पेश किया जाता है. अंतरिम बजट उस साल पेश किया जाता है जब देश में आम चुनाव होने वाले होते हैं. ऐसे में सरकार मशीनरी प्रशासनिक व्यवस्था चलती इसके लिए अंतरिम बजट पेश किया जाता है. 

सवाल- क्या अंतरिम बजट लेखानुदान के समान है?
जवाब- नहीं, अंतरिम बजट वोट-ऑन अकाउंट के समान नहीं है. लेखानुदान में केवल सरकार का व्यय शामिल होता है, जबकि अंतरिम बजट में प्राप्तियों और व्यय दोनों का विवरण होता है. 

सवाल-  2019 का अंतरिम बजट किसने प्रस्तुत किया?
जवाब-
 फरवरी 2019 में तत्कालीन कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने प्रस्तुत इस साल का अंतरिम बजट पेश किया था.

सवाल- पहला अंतरिम बजट किसने प्रस्तुत किया था?
जवाब- पहला अंतरिम बजट (15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक) के लिए पेश किया था. तत्कालीन वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने लगभग 7 महीने के लिए इसे पेश किया था. First Updated : Thursday, 01 February 2024