क्या है किरु हाइड्रोलिक प्रोजेक्ट? जिसके तहत सत्यपाल मलिक के घर पड़े छापे
What Is Kiru Hydraulic Project: जम्मू-कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के घर पर सीबीआई की छापेमारी की जा रही है. बताया जा रहा है कि यह छापेमारी किरू हाइड्रोलिक प्रोजेक्ट में घोटाले को लेकर की जा रही है.
What Is Kiru Hydraulic Project: जम्मू-कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के घर और दफ़्तर पर सीबीआई द्वारा छापेमारी की जा रही है. बताया जा रहा है कि किरू हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट में कथित घोटाले के मामले उनके यहां छापेमारी की जा रही है. छापेमारी को लेकर सत्यपाल मलिक ने ट्वीट करते हुआ कहा,”सके बावजूद मेरे घर पर पिछले 3-4 दिनों से मैं बीमार हूं अस्पताल में भर्ती हूं. जिसके वावजूद मेरे मकान में तानाशाह द्वारा सरकारी एजेंसियों से छापे डलवाए जा रहे हैं. मेरे ड्राईवर, मेरे साहयक के ऊपर भी छापे मारकर उनको बेवजह परेशान किया जा रहा है. मैं किसान का बेटा हूं, इन छापों से घबराऊंगा नहीं, मैं किसानों के साथ हूं.”
जिस मामले में सत्यपाल मलिक के घर पर छापेमारी की जा रही है यह नया मामला नहीं है, इससे पहले भी सरकारी एजेंसियाँ इस संबंध में कई लोगों के घर पर छापेमार चुकी है. तो चलिए जानते हैं कि आख़िर यह पूरा मामला क्या है और किरू प्रोजेक्ट क्या है?
क्या है किरु हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट?
किरु एक पनबिजली प्रोजेक्ट है. जो किश्तवाड़ तहसील में चिनाब नदी पर बन रहा है. यह परियोजना 624 मेगावाट (4x156 मेगावाट) बिजली पैदा करने की सलाहियत के साथ जम्मू और कश्मीर बिजली जरूरतों को पूरा करेगी. राज्य में बिजली की भरपूर पैदावार होने के साथ-साथ विकास के कामों तेज़ी आना लाज़मी है. साल 2019 में इस परियोजना का उद्घाटन किया गया था और 2025 तक इसके पूरा होने का अनुमान है. इस प्रोडेक्ट की अंदाज़न लागत 4,285.59 करोड़ रुपये बताई जा रही है.
पहले भी हो चुकी छापेमारी
इस प्रोजेक्ट में कथित घोटाले को लेकर पहले भी कुछ अधिकारियों के घर छापेमारी की जा चुकी है. दिसंबर 2023 में सीबीआई ने 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी. इनमें 12 स्थान दिल्ली और दो जगहें राजस्थान की थीं. जिन लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी उनका संबंध भी सत्यपाल मलिक से ही था. एक जानकारी के मुताबिक़ यह ठिकाने सत्यपाल मलिक के पूर्व मीडिया सलाहकार, तीन चार्टर्ड अकाउंटेंट जैसे अधिकारियों के थे.
300 करोड़ की रिश्वत की पेशकश:
बता दें कि सत्यपाल मलिक ने कहा था कि जब वो जम्मू-कश्मीर के गवर्नर थे तो उन्हें कुछ प्रोजेक्ट्स के लिए 300 करोड़ रुपये रिश्वत के तौर पर देने की पेशकश की गई थी. उन्होंने बताया था कि दो फ़ाइलों को पास करने के बदले मुझे यह (150+150 करोड़) रक़म दी गई थी. मलिक ने अपने बयान में कहा था कि मेरे सचिवों ने बताया कि इसमें बड़ा घोटाला है. ऐसे में मैंने इन फ़ाइलों को पास करने से इनकार कर दिया और कहा कि मैं कुछ कुर्ते-पाजामों के साथ यहाँ आया था और उन्हीं को लेकर वापस चला जाऊँगा.