Operation Luteri Laash: मजार एक ऐसी जगह होती है, जहां मुसलमान ही नहीं हिंदू धर्म के लोग भी सजदा करने जाते हैं. लेकिन कुछ लोगों ने इसे धर्म का धंधा बनाकर रख दिया है. हमारे सहयोगी टीवी चैनल इंडिया डेली लाइव ने एक्सक्लूसिव स्टिंग ऑपरेशन 'लुटेरी लाश में आस्था के नाम पर देश भर में चलाए जा रहे इस गोरखधंधे का खुलासा किया है.
इंडिया डेली के 11 रिपोर्टर्स की टीम ने 45 दिनों तक 117 जगहों पर छानबीन करके इस स्टिंग ऑपरेशन में पर्दाफाश किया है. ऑपरेशन में खुलासा हुआ कि किस तरह से अवैध मजार के नाम पर बिजनेस चलाया जा रहा है.
इंडिया डेली लाइव का स्टिंग ऑपरेशन 'लुटेरी लाश'
इंडिया डेली लाइव ने एक स्टिंग ऑपरेशन 'लुटेरी लाश' किया. जिसमें अवैध मजार चलाने वालों का सच बाहर आया है. इससे ये से साफ हो गया कि ये लोग चंद पैसों के लिए लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे है. मौलवी ने बताया कि मज़ार के लिए अक्सर ऐसी जगह को तलाशते हैं जहां पर घनी आबादी हो. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस बिजनेस को जमाने में एक से डेढ़ साल का वक्त लग जाता है. वहां पर सिर्फ दाढ़ी वाले आदमी को रखना होता है. वह टोपी लगा कर और मोर पंख की झाडू लेकर महीने भर बैठता है.
मज़ार के नाम से निकाली जाती है फ्रेंचाइज़ी
स्टिंग में खुलासा हुआ कि मजार के नाम से फ्रेंचाइज़ी भी निकाली जाती है. जैसे उत्तराखंड में कालूबाबा की मज़ार करीब 10 जगहों पर है. जबकि कालूबाबा की दरगाह एक ही होनी चाहिए. लेकिन ये कुछ वैसा ही धंधा है जैसे किसी संस्थान का होता है. फ्रेंचाइजी अलग-अलग जगहों पर उसी नाम से खोल दी जाती है. दावा किया गया कि इनके लिए से 20 लाख रुपये तक की बोली लगाई जाती है.
1000 से भी ज्यादा जगह पर बनी हैं मज़ार
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 'उत्तराखंड के अंदर सरकारी जमीन पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है. 1000 से भी ज्यादा जगह पर मजार बनी हैं, जिनमें कोई अवशेष नहीं हैं. 100 से ज्यादा जगहों पर अतिक्रमण हटाया गया है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कहीं ना कहीं मजारों के माध्यम से इस लैंड जिहाद को बढ़ावा दिया जा रहा है. हमने निर्णय लिया है कि ऐसी जितने भी अतिक्रमण हैं, उन्हें हटाएंगे.'
गणेश जोशी ने की स्टिंग ऑपरेशन की तारीफ़
उत्तराखंड सरकार में मंत्री गणेश जोशी ने इंडिया डेली का विशेष आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि 'मैं इंडिया डेली का विशेष आभार व्यक्त करता हूं, जिसने इस बात की सच्चाई सामने रखी कि जो मजारें बनी हैं, वो अवैध हैं.' उसके नीचे किसी भी महापुरुष की कब्र नहीं होती है, ये सिर्फ कमाई का एक जरिया है.' कई नेताओं ने ऑपरेशन लुटेरी लाश की तारीफ की है. First Updated : Sunday, 17 September 2023