Explainer: पेपर लीक पर 10 साल की कैद, 1 करोड़ रुपये का जुर्माना; नए विधेयक में क्या-क्या होगा?

Public Examinations Bill 2024 : केंद्र सरकार ने देश में पेपर लीक और परीक्षाओं में गड़बड़ी को रोकने के लिए संसद में लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024 पेश किया. इसमें 10 साल की कैद से लेकर 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.

Pankaj Soni
Pankaj Soni

Public Examinations Bill 2024 : मोदी सरकार ने पेपर लीक समेत प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से निपटने के लिए लिए कठोर कदम उठाया है. इसको लेकर 05 फरवरी 2024 को संसद में एक विधेयक पेश किया गया. इसे लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024 के नाम से जाना जाएगा. विधेयक में परीक्षाओं में गड़बडी और अनियमितता करने के अपराध में अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है. साथ ही 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में इस विधेयक को मंजूरी दी थी. इस विधेयक की क्या खासियतें हैं आज हम आपको बताने जा रहे हैं.    

नया कानून छात्रों पर नहीं होगा लागू 

इस विधेयक को 5 फरवरी को कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने सदन में पेश किया. सरकार के सूत्रों का कहना है इस प्रस्तावित विधेयक में विद्यार्थियों को निशाना नहीं बनाया जाएगा. इसके दायरे में संगठित अपराधी, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए जाने वाले लोग आएंगे. विधेयक में एक उच्च-स्तरीय तकनीकी समिति का गठन करने का प्रस्ताव है. यह समिति कम्प्यूटर के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया को अधिक आसान और सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें करेगी. 

सभी संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं दायरे में आएंगी 

नए केंद्रीय कानून के तहत हर तरह की संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं दायरे में आएंगी. सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी इस कानून के दायरे में आएंगी. बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है. साथ ही कहा था कि सरकार ने इस पर सख्ती करने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया है. 

कानून में हैं सख्त प्रावधान 
लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024 में, सार्वजनिक परीक्षाओं में गड़बड़ी करने या अनुचित साधनों से संबंधित अपराध गैर-जमानती होंगे. अगर यह विधेयक पारित होकर कानून बन जाता है, तो परीक्षाओं के दौरान गड़बड़ी में शामिल व्यक्तियों को 3 तीन साल कम से कम सजा हो सकती है, जिसे बढ़ाकर 5 साल तक किया जा सकता है. साथ ही 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इसके अलावा परीक्षा के लिए सेवा प्रदाता पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. साथ ही परीक्षा की लागत भी कंपनी से वसूल की जाएगी. सेवा प्रदाता को 10 साल की जेल और 4 साल के लिए परीक्षा आयोजित करने से रोका जा सकता है. 


पेपर लीक पर असम सरकार ने उठाया बड़ा कदम
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने भी नकल, पेपर लीक और धांधलेबाजी को रोकने के लिए राज्य विधानसभा में एक विधेयक पेश किया. इसको 'असम सार्वजनिक परीक्षा विधेयक, 2024' कहा गया. इसके तहत पेपर लीक, परीक्षा में धांधली करने पर 5 साल से 10 साल तक कैद हो सकती है. कम से कम 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है, जो बढ़कर 10 करोड़ रुपये तक हो सकता है. अगर व्यक्ति जुर्माने का भुगतान नहीं कर पाता है तो उसे दो साल की अतिरक्त सजा भुगतनी होगी. 

इस कानून में पेपर लीक से जुड़े परीक्षार्थियों को 3 साल की सजा और 1 लाख जुर्माने का प्रावधान है. परीक्षार्थियों को तीन साल तक की कैद हो सकती है और न्यूनतम 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान है. विधेयक में यह भी शामिल है कि सभी अपराधों को संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-समझौता योग्य बनाने और अपराधों की जांच के लिए पुलिस उपाधीक्षक रैंक या उससे ऊपर के एक अधिकारी को यह काम सौंपा जाएगा.

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06 February 2024, 01:29 PM IST

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