Explainer: आतंकी संगठन SIMI क्या है? इसे देश के लिए क्यों खतरा मानती है सरकार
What is terrorist organization SIMI: केंद्र की मोदी सरकार ने स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) या सिमी पर पांच साल के लिए पर प्रतिबंध बढ़ा दिया है. गृह मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स पर जानकारी दी है. सिमी को पहली बार प्रतिबंध 2001 में देश विरोधी और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के कारण प्रतिबंधित कर दिया गया था.
केंद्र की मोदी सरकार ने स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) या सिमी पर पांच साल के लिए पर प्रतिबंध बढ़ा दिया है. गृह मंत्रालय ने बताया कि सिमी को यूएपीए कानून के तहत 'गैरकानूनी संगठन' (Unlawful Association) घोषित किया गया है. कानून के तहत सिमी पर लगाया गया प्रतिबंध पांच साल औग जारी रहेगा. फैसले के बारे में गृह मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स पर जानकारी दी है. सिमी को पहली बार प्रतिबंध 2001 में देश विरोधी और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के कारण प्रतिबंधित कर दिया गया था. तब अटल बिहार वाजपेयी सरकार थी. तब से हर पांच साल में प्रतिबंध को बढ़ाया जा रहा है. आखिर यह स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) क्या है और कब बना था आज हम आपको इसकी पूरी कहानी बता रहे हैं.
क्या है सिमी और देश के लिए खतरा क्यों है?
स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया का गठन अप्रैल, 1977 में हुआ था. इसकी जड़ें उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से जुड़ी हैं. अमेरिकी राज्य इलिनोय में रहने वाले प्रोफेसर मोहम्मद अहमदुल्लाह सिद्दीकी सिमी के संस्थापक बताए जाते हैं. यह बात कहानी नहीं है बल्कि सरकारी दस्तावेजों में इसका जिक्र है. देश में अन्य प्रतिबंधित और आतंकी संगठनों से इसके सदस्यों से संबंध और देश विरोधी गतिविधियों के चलते पहली बार इसे 2001 में बैन कर दिया गया था. आज भी गृह मंत्रालय और कानून लागू करने वाली एजेंसियों की सख्ती के कारण SIMI से जुड़े सदस्य अंडरग्राउंड हैं. इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने के बाद इस पर थोड़ी लगाम लगी है. शुरुआती दौर में इसे 'जमात-ए-इस्लामी' की छात्र इकाई समझा जाता था. लेकिन 1981 में SIMI जमात से अलग हो गया. इस संगठन का मूल उद्देश्य इस्लाम का प्रसार और देश में इस्लामिक कानून (सरिया) को प्रभावी बनाना है.
सुप्रीम कोर्ट में भी गया था SIMI का मामला
पिछले साल यानी जुलाई, 2023 में सिमी पर बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस पर कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था और याचिकाकर्ताओं को बाद में अपील करने की निर्देश दिया था. इसके बाद बीते छह महीने में इस मामले पर सुनवाई नहीं हुई. आपको बता दें कि केंद्र सरकार सिमी से पहले भी कई संगठनों पर प्रतिबंध लगा चुकी है. लगभग 56 साल पहले बने कानून- UAPA के तहत प्रतिबंधित कुल 13 संगठन इस लिस्ट में शामिल हैं. इसके अलावा अब तक 42 आतंकवादी संगठनों पर भी प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं.
SIMI के अलावा देश में इन संगठनों पर भी लगा है प्रतिबंध
गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त 13 संगठनों में सिमी के अलावा पूर्वोत्तर और कश्मीर में हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे कई संगठन भी शामिल हैं. प्रतिबंधित 13 संगठनों की सूची इस प्रकार है.
1. स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI)
2. यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA)
3. नेशनल डेमोक्रेटिक्स फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB)
4. मणिपुर के मैतेई चरमपंथी संगठन (इसके तहत सात और छोटे संगठनों को नाम भी शामिल हैं)
- पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और इसका राजनीतिक संगठन रिवॉल्युनेशरी पीपुल्स आर्मी (RPF)
- यूनाईटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) और इसका आर्म्स विंग मणिपुर पीपल्स आर्मी (MPA)
- पीपुल्स रिवॉल्युनेशरी पार्टी ऑफ कांग्लीपीक (PREPAK) और इसका आर्म्स विंग रेड आर्मी
- कांग्लीपीक कम्युनिस्ट पार्टी (KCP)
- कंगलेई याओल कंबा लुपी (KYKL)
- कोआर्डिनेशन कमेटी (CorCom)
- अलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कांग्लीपीक (ASUK)
5. ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्सेज (ATTF)
6. नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT)
7. हायरुइउट्रेप नेशनल लिबरेशलन काउंसिल (HNLC)
8. लिबरेशन टाइर्ग्स ऑफ तमिल एलम (LTTE)
9. नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (Khaplang)
10. इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF)
11. जमात-ए-इस्लामी (JeI), जम्मू कश्मीर
12. जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (मोहम्मद यासीन मलिक)
13. सिख फॉर जस्टिस (SFJ)