Union Budget 2024: केंद्रीय बजट का इतिहास काफी पुराना है, पिछले कई सालों में कई वित्त मंत्री इसे पेश करते रहे हैं. मोरारजी देसाई, हिरुभाई एम पटेल, प्रणब मुखर्जी और राजीव गांधी कुछ ऐसे मंत्री थे जिन्होंने बजट पेश किया और देश के आर्थिक दृष्टिकोण और लक्ष्यों के बारे में भाषण दिया.
इस साल सबकी निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हैं, जो 23 जुलाई को अपना सातवां बजट पेश करेंगी. वो 2019 से ही बजट पेश कर रही हैं और उनके भाषणों में आर्थिक विकास, वित्तीय अनुशासन और सामाजिक कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया जाता है. आइए जानते हैं अब तक सबसे छोटे और बड़े बजट के बारे में.
देश के इतिहास में निर्मला सीतारमण के नाम सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड है. साल 2020 में, उन्होंने दो घंटे और बयालीस मिनट (सुबह 11 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक) लंबा मैराथन भाषण दिया. उन्होंने नई आयकर व्यवस्था और LIC के IPO जैसी बड़ी घोषणाएं की. हालाँकि, वो उस समय अस्वस्थ महसूस कर रही थीं और भाषण पूरा नहीं कर सकीं. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनकी ओर से शेष दो पृष्ठ पढ़े.
इससे पिछले साल का उनका बनाया रिकॉर्ड टूट गया जब उन्होंने दो घंटे सत्रह मिनट तक भाषण दिया था. हालांकि, 2022 में उन्होंने एक छोटा भाषण दिया, जो एक घंटे तीस मिनट का था, जो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री बनने के बाद से उनका सबसे छोटा बजट भाषण था.
पूर्व वित्त मंत्री हीरूभाई मुलजीभाई पटेल ने 1977-78 के अंतरिम बजट के लिए सबसे छोटा बजट भाषण पेश किया था, जिसमें केवल 800 शब्द ही थे. पूर्व प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 में सबसे लंबा बजट भाषण दिया था, जिसमें कुल 18,650 शब्द थे. इससे पहले फरवरी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 57 मिनट में 2024 का अंतरिम बजट पेश किया था, जो लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार का अंतरिम बजट था.
स्वतंत्रता के बाद पहला बजट 26 नवंबर 1947 को वित्त मंत्री आर. के. शणमुखम चेट्टी ने पेश किया था. तब से लेकर अब तक कई महत्वपूर्ण बजट प्रस्तुत किए गए हैं, जिन्होंने देश की आर्थिक दिशा को निर्धारित किया है. बजट में आमतौर पर कई प्रमुख क्षेत्रों पर जोर दिया जाता है, जैसे कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, और देश की रक्षा. भारतीय बजट का एक महत्वपूर्ण पहलू है कृषि क्षेत्र. क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है और हर बजट में कृषि के लिए विशेष प्रावधान किए जाते हैं. किसानों की आय बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, और कृषि उत्पादों के लिए बेहतर बाजार सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई योजनाएं बनाई जाती हैं.
First Updated : Tuesday, 23 July 2024