BSF & Indian Army: बीएसएफ और सेना में क्या होता है अंतर, किसकी कहां होती है तैनाती?
BSF & Indian Army: बीएसएफ़ CAPF यानी सेंट्रल आर्ल्ड पुलिस फोर्स में आते हैं. गृह मंत्रालय के अंदर में ये सुरक्षा बल आते हैं.
हाइलाइट
- BSF & Indian Army की सुरक्षा के लिए ही काम करते हैं
BSF & Indian Army: आज 1 दिसंबर है, यानी BSF DAY है. 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद 1 दिसंबर को BSF की स्थापना हुई थी. बीएसएफ यानी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स हिंदी में इसे सीमा सुरक्षा बल कहते हैं. इसके नाम से ही जाहिर होता है कि इस फोर्स का काम देश की सीमाओं की सुरक्षा का है. भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा बल भारत की रक्षा के लिए हमेशा ही मुस्तैद रहते हैं. देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमा सुरक्षा में भारतीय सेना के बल मौजूद होते हैं. जिनमें से एक होते हैं BSF यानी की सीमा सुरक्षा बल.
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स क्या है?
1 दिसंबर 1965 में बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स की स्थापना हुई थी. आइए जानते हैं बीएसएफ़ के बारे में और साथ ही भारतीय सेना और बीएसएफ़ में अंतर.
भारतीय सेना और BSF में फर्क
सेना और बीएसएफ़ में फर्क होता है. बीएसएफ़ CAPF यानी सेंट्रल आर्ल्ड पुलिस फोर्स में आते हैं. गृह मंत्रालय के अंदर में ये सुरक्षा बल आते हैं. वहीं भारतीय सेना रक्षा मंत्रालय के अधीन आती है. बीएसएफ़ में जहां कांस्टेबल, हेड कॉन्स्टेबल, एएसआइ, एसआई, इन्स्पेक्टर, एसी, डीसी, कमांडेंट, डीआईजी आईजी पद होते हैं जिनमें से सबसे बड़ा पद DG (डायरेक्टर जनरल) का होता है वहीं आर्मी में लेफ्टिनेंट, मेजर, कर्नल, ब्रिगेडियर, मेजर जर्नल आदि पद शामिल होते हैं वहीं बीएसएफ में पोस्ट कांस्टेबल, हैड कांस्टेबल, एएसआई, डीएआई, आईजी आदि पद होते हैं.
कब, कहां होती है तैनाती
बीएसएफ को पीस-टाइम के दौरान तैनात की जाती है, वहीं सेना को यद्ध के दौरान तैनात कि जाती है. बीएसएफ के जवानों को हमेशा ही सीमा की सुरक्षा के लिए मुस्तैद रहना पड़ता है.
आपको बात दें कि भारतीय सेना के जवानों को बीएसएफ़ के जवानों से ज्यादा सुविधा प्रदान की जाती है. इसमें कैंटीन, आर्मी स्कूल आदि की सेवाएं शामिल होती है.
BSF की स्थापना पाकिस्तान तथा बांग्लादेश के साथ अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए की गई थी. बीएसएफ़ के गठन से पहले इन सीमाओं पर संबंधित राज्य की सशस्त्र पुलिस तैनात थी. जिसके बाद ही एक ऐसे सेना की स्थापना की गई जो सीमाओं की सुरक्षा के लिए थल सेना की तरह प्रशिक्षित हो तथा सीमा पार अपराध को रोकने के लिए पुलिस की तरह काम करे.