Explainer : लोकसभा में एथिक्स कमेटी क्या होती है जो गड़बड़ी करने वाले सांसदों के खिलाफ लेती है एक्शन

What is Ethics Committee in Lok Sabha : लोकसभा की एथिक्स कमेटी आज एक सांसद के मामले में फैसला सुनाने वाली है. लोकसभा या राज्यसभा में गड़बड़ी करने वाले सांसदों के खिलाफ एथिक्स कमेटी से शिकायत की जा सकती है, जिस पर कमेटी एक्शन लेती है.

Pankaj Soni
Pankaj Soni

What is Ethics Committee in Lok Sabha : लोकसभा की एथिक्स कमेटी आज एक सांसद के मामले में फैसला सुनाने वाली है. लोकसभा या राज्यसभा में गड़बड़ी करने वाले सांसदों के खिलाफ एथिक्स कमेटी से शिकायत की जा सकती है, जिस पर कमेटी एक्शन लेती है. आखिर लोकसभा की एथिक्स कमेटी कमेटी क्या है और किस तरह से काम करती है. इसके पास किस तरह की शक्तियां होती हैं इसके बारे में आज हम बात करेंगे.    

एथिक्स कमेटी क्या होती है?

लोकसभा की आचार समिति के बारे में लोकसभा की नियमावली में प्रावधान किया गया है. इसके अनुसार लोकसभा में एक आचार समिति होगी जिसमें 15 सदस्य होंगे और इनका कार्यकाल 1 वर्ष का होगा. आचार समिति के सदस्यों की नियुक्ति लोकसभा अध्यक्ष करेंगे. यह समिति लोकसभा की कार्यवाही के दौरान किसी सदस्य द्वारा किये गए अनैतिक आचरण के संबंध में शिकायतों की सुनवाई करेगी जिसे लोकसभा अध्यक्ष द्वारा संज्ञान में लिया गया हो. 

समिति लोकसभा के सदस्यों के लिये आचार संहिता का निर्माण करेगी और उसे समय-समय पर इसमें संशोधन एवं बदलाव करने का अधिकार होगा. इस समिति के लिये निर्दिष्ट किसी शिकायत पर प्राथमिक जांच होगी. जांच पूरी होने के बाद समिति द्वारा की गई सिफारिशों को एक रिपोर्ट के तौर पर लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. लोकसभा अध्यक्ष इस रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखने की अनुमति देंगे, जिसके बाद इस पर सदस्यों द्वारा चर्चा या सवाल-जवाब किया जाएगा. इस प्रकार की चर्चा आधे घंटे से अधिक की नहीं होगी. चर्चा के बाद सदस्यों की सहमति या असहमति के आधार पर इस प्रस्ताव को पारित किया जाएगा.

कब बनी थी एथिक्स कमेटी?

लोकसभा में पहली आचार समिति का गठन 16 मई, 2000 को हुआ था. आचार समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा इसमें लोकसभा की रूलबुक (Rulebook) में संशोधन से संबंधित सुझाव दिये थे.18 दिसंबर, 2014 को यह रिपोर्ट सदन के पटल पर प्रस्तुत की गई और इसके सुझावों को लोकसभा की विनियम समिति (Rules Committee) की रिपोर्ट में शामिल किया गया. इसमें कहा गया है कि आचार समिति लोकसभा के सदस्यों के लिये एक आचार संहिता का निर्माण करेगी और समय-समय पर इस संहिता में संशोधन करेगी या नए प्रावधान जोड़ेगी. 

कैसे होता है सदस्यों का चुनाव?

एथिक्स कमेटी के सदस्यों को स्पीकर खुद चुनते हैं. वे एक साल तक काम करते हैं. फिलहाल इसके लीडर बीजेपी के कौशांबी सांसद विनोद कुमार सोनकर हैं. उनके अलावा 14 दूसरे सदस्य हैं जो सभी पार्टियों से लिए गए हैं. इसमें कांग्रेस, बीजेपी, सीपीआई (एम), जेडीयू और बीएसपी ने नेता शामिल हैं.

शिकायत की प्रक्रिया क्या है?

कोई भी व्यक्ति किसी सदस्य के खिलाफ किसी अन्य लोकसभा सांसद के माध्यम से कथित कदाचार के सबूत और एक हलफनामे के साथ शिकायत कर सकता है. यदि लोकसभा सदस्य स्वयं शिकायत करता है तो शपथ पत्र की आवश्यकता नहीं होती है. अध्यक्ष किसी सांसद के खिलाफ कोई भी शिकायत समिति को भेज सकता है. समिति केवल मीडिया रिपोर्टों या विचाराधीन मामलों पर आधारित शिकायतों पर विचार नहीं करती है. किसी शिकायत की जांच करने का निर्णय लेने से पहले समिति प्रथम दृष्टया जांच करती है. यह शिकायत का मूल्यांकन करने के बाद अपनी सिफारिशें करती है. समिति अपनी रिपोर्ट अध्यक्ष को प्रस्तुत करती है, जो सदन से पूछता है कि क्या रिपोर्ट पर विचार किया जाना चाहिए. रिपोर्ट पर आधे घंटे की चर्चा का भी प्रावधान है .

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08 December 2023, 11:14 AM IST

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