Beating Retreat: क्या है बीटिंग रिट्रीट, जिसको हर साल गणतंत्र दिवस के बाद मनाया जाता हैं, जानें सब कुछ

Beating Retreat: गणतंत्र दिवस के बाद हर साल बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है. इस आयोजन में सेना द्वारा राष्ट्रपति को नेशनल सैल्यूट दिया जाता है. आईये जानते हैं बीटिंग रिट्रीट क्या होता है साथ ही बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी क्यों मनाया जाता है.

Ayushi Chauhan
Ayushi Chauhan

Beating Retreat: हर साल गणतंत्र दिवस पर हर साल बीटिंग कार्यक्रम मानाया जाता है. इसी के साथ इस साल बीटिंग रिट्रीट को बेहद खास मनाया जाता है. क्योंकि इस बार बीटिंग रिट्रीट में स्वदेशी धुन बजाया जाएगा. ये हर साल मनाया बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. 

क्या है बीटिंग रिट्रीट

गणतंत्र दिवस के समापन समारोह बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी कहा जाता है. ये शब्द सेना के लिए इस्तेमाल होता है. ऐसा कहा जाता जब शाम के वक्त सेनाएं अपना युद्ध समाप्त करके लौटती थी और गणतंत्र दिवस के समापन समारोह को बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी कहा जाता है. यह शब्द मुख्य रूप से सेना के लिए ही इस्तेमाल होता है. बीटिंग रिट्रीट सेना का अपने बैरक में लौटने का प्रतीक भी माना जाता है. ऐसा माना जाता है, शाम के समय सेनाओं का युद्ध समाप्त होकर वापस आ गया था और युद्ध के मैदान से वापस आने के बाद अपना अस्त्र-शास्त्र उद्घाटित कर लिखा था. इस दौरान झण्डे नीचे दिए गए संकेत देते हैं और इसे ही बीटिंग रित्रिट कहते हैं.

बीटिंग रिट्रीट की धुन कैसी होती थी

हर देश में उनकी सेना की बीटिंग रिट्रीट की एक धुन होती है. भारत में बीटिंग रिट्रीट की धुन 'अबाइड विद मी' की धुन 1950 से बज रही है. लेकिन निर्देशों के मुताबिक इस बार बीटिंग रिट्रीट में हर धुन स्वदेशी होगी. इसमें ताकत वतन की हम से है..., कदम कदम बढ़ाए जा...., ऐ-मेरे वतन के लोगो...., फौलाद का जिगर...., शंखनाद... भागीरथी.... जैसी धुनें शामिल हैं.

भारत में कब हुई शुरुआत

बीटिंग द रिट्रीट समारोह की शुरूआत 1950 में शुरू हुई थी. उस समय उसके दो कार्यक्रम हुए थे. पहला कार्यक्रम दिल्ली के रीगल मैदान के सामने हुआ करता था. और दूसरा लालकिले में हुआ था.  उस समय भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने सामूहिक बैंड के प्रदर्शन का एक अनोखा उदाहरण स्वदेशी रूप से आरंभ किया था. बीटिंग रिट्रीट का सबसे बड़ा कार्यक्रम नई दिल्ली में आयोजित होता है. इस समारोह में ध्वजारोहण के बाद की परेड निकाली जाती है और इसमें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है. समारोह में राष्ट्रपति के मुख्य अतिथि शामिल होते हैं, उनका आगमन ही उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है.

बीटिंग रिट्रीट का इतिहास

बीटिंग द रिट्रीट की शुरुआत इंग्लैंड में 17वीं शताब्दी में हुई थी. तब इंग्लैंड के राजा जेम्स सेंकड ने अपनी सेना को ड्रम बजाने, झंडे उतारने और जंग खत्म करने के बाद एक परेड आयोजित करने का आदेश दिया था. उस समय इस सेरेमनी को 'वॉच सेटिंग' कहा गया था.
 

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04 January 2024, 12:34 PM IST

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