क्या हैं PM मोदी के 2 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के मायने?

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए लाओस की दो दिवसीय यात्रा पर गए हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे. तो चलिए पीएम मोदी की इस यात्रा के बारे में जानते हैं.

JBT Desk
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PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वार्षिक आसियान भारत शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण-पूर्व एशिया के लाओस की अपने दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के लिए आज रवाना हो गए हैं. नई दिल्ली की एक्ट ईस्ट नीति के गति पकड़ने के बीच वह पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे. प्रधानमंत्री सबसे पहले अपने समकक्ष सोनेक्सय सिफानदोन के निमंत्रण पर लाओस की राजधानी वियनतियाने पहुंचेंगे. इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के अलावा, सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे.

विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने PM मोदी की इस यात्रा को लेकर कहा कि भारत आसियान से संबंधित सभी तंत्रों को बहुत महत्व देता है. यह बैठक भारत-आसियान संबंधों के भविष्य की दिशा तय करेगी. एक विशेष ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए मजूमदार ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी लाओ पीडीआर के प्रधानमंत्री सोनेक्से सिफानदोन के निमंत्रण पर 21 वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के लिए लाओ पीडीआर के वियनतियाने की यात्रा करेंगे. 

शिखर सम्मेलन में क्यों भाग ले रहे हैं पीएम मोदी

बता दें कि यह प्रधानमंत्री की आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में दसवीं उपस्थिति होगी.  बैठक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मजूमदार ने कहा, 'इस विशेष शिखर सम्मेलन का महत्व यह होगा कि यह प्रधानमंत्री की एक्ट ईस्ट नीति की दसवीं वर्षगांठ है. प्रधानमंत्री, आसियान देशों की सरकारों में अन्य राष्ट्राध्यक्षों के साथ भारत और आसियान के बीच संबंधों की प्रगति की समीक्षा करेंगे और वे हमारे संबंधों की भविष्य की दिशा तय करेंगे.'

विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने 'कनेक्टिविटी और लचीलापन' की थीम के लिए समर्थन को रेखांकित किया और कहा कि कनेक्टिविटी आसियान के साथ नई दिल्ली के जुड़ाव का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्तंभ है. उन्होंने कहा, 'हम अध्यक्ष की थीम के लिए अपना समर्थन व्यक्त करेंगे जो कनेक्टिविटी और लचीलापन है. कनेक्टिविटी आसियान के साथ हमारे जुड़ाव का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्तंभ है. दुनिया भर में भारतीय प्रवासियों का 20 प्रतिशत आसियान देशों में रहता है.

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन का क्या है उद्देश्य

'पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की बात करें तो इसमे 10 आसियान देश और आठ भागीदार, ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, कोरिया गणराज्य, न्यूजीलैंड, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं. तिमोर-लेस्ते भी पर्यवेक्षक के रूप में भागीदार होगा. यह तंत्र 2005 से अस्तित्व में है और इसका उद्देश्य क्षेत्र में रणनीतिक विश्वास का निर्माण करना, क्षेत्र के लिए शांति और स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देना है.

PM मोद के 2 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के क्या है मायने

विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी के भाग लेने के उद्देश्य के बारे में बात करते हुए कहा, प्रधानमंत्री ने इंडो-पैसिफिक महासागर पहल (आईपीओआई) की घोषणा की. हम इस पर आसियान देशों के साथ मिलकर काम करते हैं. तीन आसियान देश - इंडोनेशिया, थाईलैंड और सिंगापुर और तीन पूर्वी एशिया भागीदार - अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान आईपीओआई में हमारे भागीदार हैं. ' उन्होंने कहा, 'हमारे पास सात आसियान देशों के साथ सीधी उड़ानें हैं. हमें उम्मीद है कि साल के अंत से पहले, हमारे पास दो और आसियान देशों के साथ सीधी उड़ान कनेक्टिविटी होगी. आसियान भारत के हमारे शीर्ष व्यापार और निवेश भागीदारों में से एक है.'

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10 October 2024, 12:39 PM IST

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