Davos 2024: विश्व आर्थिक मंच की बैठक क्या है और क्या यह आज मायने रखती है

Davos 2024: विश्व आर्थिक मंच (WEF) की वार्षिक बैठक का समय फिर से आ गया है. स्विट्जरलैंड के दावोस में आज से यह बैठक होना है. इसका मुख्यालय कोलोग्नी में है.

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Davos 2024: विश्व आर्थिक मंच (WEF) की वार्षिक बैठक का समय फिर से आ गया है. स्विट्जरलैंड के दावोस में आज से यह बैठक होना है. इसका मुख्यालय कोलोग्नी में है. स्विस अधिकारीयों द्वारा इसे एक निजी-सार्वजनिक सहयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है. इसका मिशन विश्व के व्यवसाय, राजनीति, शैक्षिक और अन्य क्षेत्रों में अग्रणी लोगों को एक साथ ला कर वैशविक, क्षेत्रीय और औद्योगिक दिशा तय करना है. यह बैठक आज से शुरू हुईं है जो 19 जनवरी तक चलने वाली है. वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए दावोस में राजनीति और व्यवसाय के दिग्गज एकत्रित हो रहे हैं, यहां दावोस से संबंधित हर चीज को समझाने वाली एक सरल मार्गदर्शिका दी गई है. 

विश्व आर्थिक मंच क्या है?

जिनेवा, स्विट्जरलैंड में मुख्यालय, WEF एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी पैरवी संगठन है, जो वैश्विक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों को संबोधित करने पर केंद्रित है. WEF की स्थापना 1971 में स्विस-जर्मन अर्थशास्त्री और प्रोफेसर क्लॉस श्वाब द्वारा दुनिया की सबसे गंभीर समस्याओं पर वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी.

दावोस 2024 में कौन भाग ले रहा है?

इस साल के दावोस शिखर सम्मेलन में अनुमानतः 1,600 व्यापारिक नेता भाग ले रहे हैं, जिनमें जेपी मॉर्गन चेज के जेमी डिमन और माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला जैसे 800 सीईओ शामिल होंगे. इस बैठक के 54वें संस्करण में विश्व नेता भी शामिल होंगे, जिनमें फ्रांस के इमैनुएल मैक्रॉन, यूक्रेन के वलोडिमिर जेलेंस्की और वियतनामी प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिनह शामिल होंगे. बैठक में ए-लिस्ट हस्तियां भी शामिल होंगी. अतीत में लियोनार्डो डिकैप्रियो, मिक जैगर और पर्यावरणविद् ग्रेटा थुनबर्ग जैसे हॉलीवुड सितारे शिखर सम्मेलन के लिए उपस्थित हो चुके हैं.

दावोस में केंद्रीय मंत्रियों के साथ-साथ मुख्यमंत्रियों और 100 से अधिक सीईओ के माध्यम से भी भारत का प्रतिनिधित्व किया जाएगा. स्मृति ईरानी, अश्विनी वैष्णव और हरदीप सिंह पुरी तीन केंद्रीय मंत्री हैं जो बड़े मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसके अलावा, महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, रेवंत रेड्डी और सिद्धारमैया वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए दावोस जाएंगे.

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और गौतम अडानी, संजीव बजाज, कुमार मंगलम बिड़ला, एन चंद्रशेखरन, नादिर गोदरेज, सज्जन जिंदल, रोशनी नादर मल्होत्रा, नंदन नीलेकणि, ऋषद प्रेमजी और सुमंत सिन्हा जैसे सीईओ भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे. .

दावोस 2024 का विषय और फोकस क्या है?

इस साल के शिखर सम्मेलन का विषय "पुनर्निर्माण ट्रस्ट" है, जो 'पारदर्शिता, निरंतरता और जवाबदेही सहित विश्वास को चलाने वाले मूलभूत सिद्धांतों' पर केंद्रित है. शिखर सम्मेलन से पहले, अधिकांश विशेषज्ञों ने बताया कि इस साल दावोस में चर्चा के लिए चरम मौसम और गलत सूचना बड़े जोखिम होंगे. वास्तव में शिखर सम्मेलन से पहले WEF ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें इन दो मुद्दों को अगले दो वर्षों में दुनिया के लिए सबसे गंभीर वैश्विक जोखिमों के रूप में पहचाना गया. इसके अलावा, दावोस शिखर सम्मेलन सबसे जटिल भू-राजनीतिक पृष्ठभूमि - रूस और यूक्रेन, और इज़राइल और हमास के दो युद्धों के बीच हो रहा है. महत्वपूर्ण बात यह है कि 80 से अधिक देशों ने यूक्रेन में शांति के मामले पर एक दौर की बातचीत की.  First Updated : Monday, 15 January 2024