Loksabha chunav 2024: क्या भारत रत्न से इंडिया अलायंस में पड़ेगी फूट मोदी सरकार के लिए साबित होगा मास्टरस्ट्रोक

Loksabha chunav 2024: मोदी सरकार ने चुनाव से ठीक पहले पांच शख्सियतों को भारत रत्न देने का ऐलान कर मास्टरस्ट्रोक खेल दिया है. अब देखना है कि इसका बीजेपी को कितना फायदा मिल पाता है.

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केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले देश की पांच बड़ी विभूतियों को भारत रत्न देने का ऐलान कर मास्टरस्ट्रोक चल दिया है. सरकार ने 2024 में तीन बार में पांच लोगों को भारत रत्न देने का ऐलान किया है. एक साल में केवल तीन लोगों को भारत रत्न दिया जा सकता है, लेकिन 2024 में पांच लोगों को दिया गया, 2023 में किसी को नहीं दिया गया था, जिसके स्थान पर 2024 में पांच लोगों को दिया गया है. मोदी सरकार के द्वारा भारत रत्न देने के पीछे सियासी फायदे भी हैं. 

2024 में सहला भारत रत्न देने की घोषणा कर्पूरी ठाकुर को की गई. कर्पूरी ठाकुर ब‍िहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री और बड़े नेता थे. इसके बाद बीजेपी के वर‍िष्‍ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्‍न देन की घोषणा की गई. लालकृष्ण आडवाणी राम मंद‍िर आंदोलन के प्रमुख चेहरा और बीजेपी की नींव रखने वाले थे. आज 9 फरवरी को पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन और नामों का ऐलान क‍िया किया. इन नामों में पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह के साथ-साथ कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा.

भारत रत्‍न 2024 में कैसे बनेगा बीजेपी का मास्‍टरस्‍ट्रोक

चौधरी चरण सिंह उत्तर प्रदेश में जमीन से जुड़े नेता थे और आम लोगों जैसे किसानों मजदूरों में बहुत लोकप्रिय थे. उन्होंने किसानों के न्याय अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी थी. चौधरी साबव ने राजनीतिक करियर की शुरुआत विधायक बनकर की. इसके बाद वह देश के उपप्रधानमंत्री भी बने. आपातकाल के दौरान सरकार के खिलाफ खुलकर खड़े रहे. पुरस्कार की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि उन्होंने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र को जीवित रखने का काम किया. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन का टारगेट 400 से ज्‍यादा सीटे जीतने का है. इसको लेकर पार्टी ब‍िहार से लेकर उत्‍तर प्रदेश में हर गठबंधन कर रही है. वहीं बिहार में पिछड़े नेताओं को के रूप में जाने जाने वाले नेता कर्पूरी ठाकुर आज भी काफी लोकप्रिय हैं. इनको भारत रत्न देने से पिछड़ों का वोट बीजेपी को मिलने की उम्मीद है. 

बीजेपी ने 2024 से पहले राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के साथ गठबंधन करने का मन बना रही है. जयंत चौधरी के साथ इसको लेकर मीट‍िंग हो चुकी है. सूत्रों का कहना है कि  बीजेपी ने रालोद को यूपी में 4 लोकसभा सीट के साथ मंत्री पद देने वादा क‍िया गया. वहीं जयंत चौधरी से बातचीत के बीच केन्‍द्र सरकार उनके दादा यानी पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्‍न देने का ऐलान क‍िया. इससे बीजेपी को जाटलैंड यानी पश्‍च‍िमी उत्‍तर प्रदेश में बीजेपी गठबंधन को फायदा होने की उम्‍मीद है.

क्या कहते हैं पुराने आंकड़े

2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में रालोद ने 11 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन राष्ट्रीय लोकदल का खाता भी नहीं खुला था. बीजेपी को 19 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि समाजवादी पार्टी और बसपा को 4-4 सीटें मिली थीं. अगर बीजेपी रालोद के साथ जाती है तो बीजेपी को जाटलैंड में फायदा होगा. पश्‍च‍िमी उत्‍तर प्रदेश में 27 लोकसभा सीटें हैं अगर बीजेपी और रालोद में गठबंधन होता है तो जाट वोट एनडीए को म‍िलेगा और इससे समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी की मुश्‍क‍िलें बढ़ेंगी. चौधरी चरण सिंह को भारत रत्‍न देने से जाट समाज काफी खुश है और ऐसी में लोकसभा चुनाव में भी इसका फायदा बीजेपी को होगा. 

नरस‍िंहराव को भारत रत्‍न देने से क्या फायदा होगा

पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहराव को भारत रत्न देकर बीजेपी ने एक तीर से कई निशाने किये हैं. पहला कि नरसिंहराव को आधुनिक भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव रखने वाला  नेता माना जाता है. उन्होंने ही आर्थिक उदारणीकरण को प्रभावी तरीके से लागू कराया था. राव को देश में विद्वान प्रधानमंत्री के रूप में देखा जाता है. वो दक्षिण से आने वाले ताकतवर ब्राह्मण नेता के तौर पर स्थापित हैं. उन्होंने पीएम बनने के बाद रिकॉर्ड उप चुनाव में जीत हासिल की थी. आज दक्षिण में अपनी ताकत बढ़ा रही बीजेपी को इस फैसले से फायदा ही होगा. नरस‍िंहराव को भारत रत्‍न देने से बीजेपी को लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में फायदा म‍िलने की उम्‍मीद है.

कृषि क्षेत्र में विकास लाने में योगदान दिया

डॉ. एमएस स्वामीनाथ ने देश के कृषि क्षेत्र में अमूल्य योगदान देकर किसानों के कल्याण के लिए काम किया था. उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय में भारत को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. डॉ स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित करने में भी मदद की. डॉ इस कार्य के लिए स्वामीनाथन को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इस बीच किसानों से हमेशा डॉ स्वामीनाथ आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग की गई. First Updated : Friday, 09 February 2024