White Paper In Parliament: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले संसद में जुबानी जंग देखने को मिलेगी. मोदी सरकार यूपीए के 10 साल पर श्वेत पत्र लाने की तैयारी कर रही है. अंतरिम बजट पेश करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इस श्वेत पत्र का जिक्र किया था. इस श्वेत पत्र को मोदी सरकार आज लोकसभा में पेश कर सकती है. दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी इस पत्र के विरोध में ब्लैक पेपर लेकर आने की तैयारी में है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद के दोनों सदनों (राज्यसभा और लोकसभा) में श्वेत पत्र पेश करने वाली हैं. अंतरिम बजट पेश करते समय दिए गए भाषण में सीतारमण ने कहा था कि केंद्र सरकार एक श्वेत पत्र पेश करने जा रही है. 1 फरवरी को अपने भाषण में सीतारमण ने कहा था, 'उन वर्षों में (यूपीए सरकार के दौरान) जो संकट पैदा हुआ था, उससे निपट लिया गया है. अर्थव्यवस्था सर्वांगीण विकास के साथ उच्च सतत विकास पथ पर मजबूती से स्थापित हो गई है.
'श्वेत पत्र' एक सूचनात्मक रिपोर्ट होती है जो सरकार की नीतियों, उपलब्धियों और मुद्दों के बारे में जानकारी देती है. स्टैनफोर्ड लॉ स्कूल के अनुसार, सरकारी कागजात वितरण के लिए रंग-कोडित होते हैं और सार्वजनिक पहुंच के लिए सफेद रंग को नामित किया जाता है. सरकारें आमतौर पर मुद्दों पर चर्चा करने, कार्रवाई का सुझाव देने या निष्कर्ष निकालने के लिए किसी खास विषय पर एक श्वेत पत्र लाती हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि वह यूपीए सरकार के 10 साल के शासन पर श्वेत पत्र पेश करेंगी. इसके जरिए मोदी सरकार बताना चाहती है कि जब यूपीए की सत्ता खत्म हुई तो देश की आर्थिक स्थिति क्या थी. सरकार लगातार इस बात को दोहराती रही है कि यूपीए के 10 साल के शासनकाल में अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो गई थी और इस वजह से उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
इस बीच कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए एनडीए के 10 साल के शासनकाल पर ब्लैकपेपर लाने का फैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मोदी सरकार के 10 साल के शासनकाल पर ब्लैक पेपर पेश करेंगे. इस ब्लैक पेपर में मोदी सरकार द्वारा की गई कमियों और पिछले 10 सालों में लोगों को जिन आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, उन्हें गिनाया जाएगा. First Updated : Thursday, 08 February 2024