Explainer: विपश्यना ध्यान साधना क्या होती है? इसको करने के तरीके और फायदे क्या हैं
What is Vipassana : विपश्यना ध्यान साधना मन को एकांग्र करने और शांत करने की एक प्रक्रिया है. यह अन्य तरह की योग साधना है अलग है. इसको 10 दिनों तक करना होता है. इस साधना के दौरान साधक की दिनचर्या सख्त होती है.
What is Vipassana : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर विपश्यना करेंगे. केजरीवाल करीबन हर साल यह कठिन ध्यान साधना करते हैं. 10 दिनों की विपश्यना बहुत कठिन साधना मानी जाती है. केजरीवाल बेंगलुरु और मुंबई केंद्रों पर जाकर यह साधना करते हैं. यह साधना न केवल आपकी मानसिक जीवटता और एकाग्रता की परीक्षा लेती है बल्कि आपकी दृढ इच्छा शक्ति को परखने का भी काम करती है. इसमें सोने, जागने, ध्यान करने और भोजन का अनुपात भी चुनौतीपूर्ण होता है.
विपश्यना ध्यान मतलब माइंडफुलनेस मेडिटेशन
विपश्यना ध्यान माइंडफुलनेस मेडिटेशन का एक रूप है. इसके बारे में कहा जाता है कि यह साधना भारत से भी गायब गई तो लोग इसको भूलने लगे. यह साधना म्यांमार (बर्मा) में जारी थी. यहां से दोबारा यह साधना भारत में आई और अब धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैल रही है. कहा जाता है कि अगर आपने 10 दिनों की ये साधना कर ली तो खुद को शारीरिक और मानसिक स्तर पर कसते हैं बल्कि दोनों स्तर पर खुद को प्यूरीफाई करके नई चेतना से लैस भी कस सकते हैं. विपश्यना खुद के आत्मबल और मानसिक दृढ़ता को चुनौती देने और उसकी परख करने का एक तरीका है. इसे आत्मज्ञान हासिल करने में भी सहायक माना जाता है. इसके वैसे तो कई कोर्स हैं लेकिन 10 दिनों की साधना को सबसे बेहतर मानते हैं.
विपश्यना ध्यान क्या है?
विपश्यना का अर्थ है 'चीजों को वैसे देखना जैसे वो वास्तव में हैं' ये भारत की ध्यान से संबंधित सबसे प्राचीन तकनीक में एक है. इसे 10 दिवसीय पाठ्यक्रम में सिखाया जाता है. इसमें साधक विपश्यना की मूल बातें सीखते हैं, इस साधना को अनुभव शिक्षक कराते हैं. विपश्यना का अभ्यास आत्म-खोज की यात्रा है. प्राचीन शिक्षाओं की सच्चाइयों को खुद में अनुभव करने का अवसर देता है. अभ्यास का लक्ष्य मन की पूर्ण शुद्धि, करुणा और समभाव जैसे मूल्यों का विकास और सहानुभूति की वृद्धि है.
यह साधना किसी धर्म विशेष के लिए है?
इस साधनों को कोई भी कर सकता है. सभी ध्यान तकनीकों की तरह यह भी सभी धर्मों और राष्ट्रीयताओं के लोगों के लिए खुली है. विपश्यना के लिए किसी विश्वास प्रणाली की आवश्यकता नहीं है. यह एक गैर-सांप्रदायिक अभ्यास है. इसमें स्त्री और महिला हिस्सा ले सकते हैं और किसी भी उम्र के लोग जा सकते हैं.
आप कहां जाकर विपश्यना कर सकते हैं?
देश के विभिन्न राज्यों और हिस्सों में विपश्यना के 112 आधिकारिक केंद्र हैं, जबकि 15 अनौपचारिक केंद्र हैं. तकरीबन हर राज्य में इसके केंद्र हैं, जो देश के उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक फैले हैं. कुछ राज्यों में इसके एक ही केंद्र हैं वहीं ज्यादा आबादी वाले राज्यों में एक से ज्यादा केंद्र भी हैं.
किस राज्य में कितने केंद्र
मध्य प्रदेश में 6, महाराष्ट्र में 35, ओडिसा में 2, राजस्थान में 6, सिक्किम में 2, तमिलनाडु में 4, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 12, बिहार में 5, छत्तीसगढ़ में 4, गुजरात में 9, हरियाणा में 4, कर्नाटक में 4 केंद्र उत्तर प्रदेश में 6 और पश्चिम बंगाल में 2 केंद्र हैं. इन सभी केंद्रों का संचालन भारत में विपश्यना से जुड़ी एसएन गोयनका की संस्था करती है, जो म्यांमार से इस साधना विद्या को फिर भारत लेकर आए और यहां जिंदा किया.
इसमें दिनचर्या क्या होती है?
दस दिनों की साधना के लिए केंद्रों का चयन https://www.dhamma.org/en/index की आधिकारिक साइट पर जाकर कर सकते हैं.
- 10 दिनों के साधना कोर्स के लिए एक दिन तय दिवस के एक दिन पहले केंद्र पर पहुंचना होता है. अगले दिन सुबह से कोर्स की शुरुआत होती है.
- साधना के दौरान रोज सुबह 05 बजे उठना होता है. कई बार साधना सामूहिक रूप से होती है तो कई बार अकेले ही साधना करना होता है. ध्यान के शुरुआती पांच दिन कठिन होते हैं.
- साधना करने वालों को रात में 10 बजे तक सोना होता है. इसमें बोलना मना होता है और लगातार एकाग्र होकर ध्यान करना होता है और बैठना होता है.
- इस साधना को कई लोग बर्दाश्त नहीं कर पाते तो बीच से ही निकल जाते हैं. लेकिन 05-06 दिन इस कोर्स में टिके रहने वालों के लिए आगे की साधना में डूबना स्वाभाविक होता जाता है, क्योंकि शरीर, मन और दिमाग नई स्थितियों में पूरी तरह ढल जाता है.
- इसमें नए नए तरह के अनुभव होते हैं. शरीर और दिमाग चेतना और स्फूर्ति से लैस हो जाता है, खुद में बहुत बेहतर फील करने लगते हैं.
साधना के दौरान कैसा होता है भोजन?
साधना करने वाले सुबह नाश्ता करते हैं फिर दोपहर का भोजन करते हैं. इसके बाद शाम को हल्का खाना खाकर सोते हैं. हालांकि ये शुरुआती दो तीन दिनों तक मुश्किल लगता है लेकिन फिर शरीर इसके अनुकूल ढलने लगता है और नए हालात के अनुसार दिनचर्या के अनुकूल खुद को बना लेता है.
रहने की कैसी व्यवस्था होती है
हर साधक या पाठ्यक्रम में हिस्सा लेने वालों को अकेला कमरा मिलता है, जो साफ-सुथरा होता है. इसमें एक खाट, चौकी और बिस्तर मिलता है. सुबह जल्दी उठकर फ्रेश होना और नहाना होता है, इसके लिए रोजाना की साधना और दिनचर्या शुरू हो जाती है.
क्या इस कोर्स के लिए कोई पैसा देना होता है
बिल्कुल नहीं. इसका कोई शुल्क नहीं है. हां, कोर्स खत्म होने के बाद आप स्वेच्छा से अगर कुछ देना चाहें तो जरूर ऐसा कर सकते हैं. अन्यथा इसमें ठहरने, खाने और साधना के लिए कोई फीस नहीं ली जाती. इसकी व्यवस्था केंद्र खुद करते हैं.
क्या है विपश्यना ध्यान का इतिहास
विपश्यना भारत की सबसे पुरानी ध्यान तकनीकों में से एक है. इसकी उत्पत्ति महात्मा बुद्ध से हुई थी. उन्होंने इसका उपयोग आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए किया था. उसके बाद अपने 60 शिष्यों को विपश्यना तकनीक सिखाई. उन्हें अलग-अलग दिशाओं में भेजा. फिर विपश्यना पूरे उत्तर भारत में फैल गई. इसका अभ्यास राजाओं और सम्राटों द्वारा भी किया जाने लगा. 1900 के दशक में म्यांमार में सयागी यू बा खिन ने विपश्यना सीखा. इसे छात्रों को सिखाया. हालांकि इस बीच ये साधना शिक्षा भारत समेत कई देशों से गायब होती चली गई. लोग इसे भूल गए लेकिन ये म्यांमार में जारी रही.
दोबारा ये शिक्षा भारत में कैसे आई
एस.एन. गोयनका ने इसे भारत में लेकर आए. उनकी पैदाइश एक भारतीय मारवाड़ी परिवार में बर्मा में हुई. वहीं वह बड़े हुए. वहां वह पारिवारिक व्यापार कर रहे थे लेकिन कुछ बीमारियों से जूझने के दौरान उन्होंने विपश्यना को अपने शिक्षक सयाजी यू बा खिन से सीखा. 14 वर्षों तक इसकी ट्रेनिंग लेने के बाद गोयनका भारत में बस गए.