क्या है वक्फ? भारत में कब हुई इसकी शुरुआत और कहां से आया ये शब्द, जानिए हर सवाल का जवाब

इस्लाम धर्म के भारत आने के साथ ही वक्फ की शुरुआत मानी जा सकती है, हालांकि इतिहास में इसके प्रारंभ के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है. इस कारण ये तय करना भी मुश्किल है कि वक्फ को औपचारिक रूप से लागू करने वाला 'पहला शासक' कौन था.

वक्फ संशोधन बिल को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है. लेकिन क्या आपको पता हैं कि वक्फ शब्द का मतलब क्या हैं और इसकी उत्पत्ति कहां से हुई हैं? अगर नहीं, तो चलिए जानते हैं. वक्फ शब्द की उत्पत्ति अरबी शब्द 'वकफा' से हुई है, जिसका अर्थ होता है रोकना, धारण करना या जोड़ना. इस्लामिक कानून के तहत, वक्फ वो प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को धार्मिक या समाजसेवी उद्देश्य के लिए दान करता है और उस संपत्ति से होने वाले लाभ को सार्वजनिक भलाई के लिए खर्च किया जाता है. वक्फ के तहत दी गई संपत्ति का मालिकाना हक कभी भी हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है. इसके तहत संपत्ति बेचने, वारिस को देने या किसी अन्य तरीके से हस्तांतरित करने की अनुमति नहीं होती. इस्लाम में वक्फ को एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है और ये कई धर्मिक और समाजसेवी कार्यो को बढ़ावा देता है.

वक्फ का इतिहास और भारतीय संदर्भ

भारत में वक्फ की शुरुआत दिल्ली सल्तनत के शुरुआती दिनों से मानी जाती है. सुलतान मुइजुद्दीन सैम गौर ने मुल्तान की जामा मस्जिद के लिए दो गांवों का दान किया था और उनका प्रशासन शेखुल इस्लाम को सौंपा था. जैसे-जैसे इस्लामी राजवंश भारत में विस्तृत हुआ, वक्फ संपत्तियों की संख्या बढ़ती गई. ब्रिटिश काल में वक्फ को खत्म करने की कोशिश की गई, लेकिन भारत में वक्फ को संरक्षित रखने के लिए 1913 का मुसलमान वक्फ वैधीकरण अधिनियम लाया गया था. इसके बाद से वक्फ को खत्म करने का कोई प्रयास नहीं किया गया.

वक्फ प्रणाली में प्रमुख पक्ष

वक्फ की प्रणाली में 3 मुख्य पक्ष होते हैं:

वकिफ (दानदाता) – वो व्यक्ति जो अपनी संपत्ति को वक्फ करता है.

मवकूफ अलय्ह (लाभार्थी) – वे लोग जो वक्फ से होने वाले लाभ का उपयोग करते हैं.

मुतवल्ली (प्रबंधक) – वो व्यक्ति जो वक्फ संपत्ति का प्रबंधन करता है.

इस्लाम के अनुसार, वक्फ संपत्तियां अल्लाह को समर्पित होती हैं और इन संपत्तियों का स्वामित्व दानदाता से अल्लाह को हस्तांतरित हो जाता है. इसके बाद इन संपत्तियों का प्रशासन मुतवल्ली द्वारा किया जाता है, जो वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से प्रबंधन करता है. वक्फ की ये प्रक्रिया इस्लाम में सामूहिक भलाई के उद्देश्य से कार्य करती है.

वक्फ अधिनियम और इसके सुधार

भारत में वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए 1954 में वक्फ अधिनियम की शुरुआत की गई थी और साल 1995 में इसे संशोधित कर वक्फ अधिनियम 1995 लागू किया गया. इस अधिनियम के तहत, वक्फ संपत्तियों की पहचान के लिए अनिवार्य सर्वेक्षण किया जाता है और राज्य वक्फ बोर्ड तथा केंद्रीय वक्फ परिषद का गठन किया गया है.

2013 में वक्फ (संशोधन) बिल के तहत कड़े कदम उठाए गए थे, जिसमें अवैध हस्तांतरण को रोकने के लिए सख्त उपाय किए गए. इस बिल के पक्ष में लोकसभा में 288 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 232 वोट पड़े. सत्तारूढ़ NDA सरकार ने इसे अल्पसंख्यकों के हित में उठाया गया कदम बताया, जबकि विपक्ष ने इसे मुसलमानों के खिलाफ करार दिया.

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03 April 2025, 03:01 PM IST

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