केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर में अलगाववादी संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत को गैर कानूनी संगठन घोषित कर दिया है. गृह मंत्री अमित शाह ने भारत सरकार के इस कदम पर ट्वीट किया है. बता दें कि नए उप कानून के तहत इसे गैर कानूनी संगठन घोषित किया गया है. भारत सरकार के मुताबिक पिछले कई सालों से जम्मू कश्मीर में अलगाववादी विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू कश्मीर काम कर रही थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर बताया, ‘तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू-कश्मीर को UAPA के तहत एक ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया गया है. ऐसे में आज हम जानेंगे कि तहरीक-ए-हुर्रियत कैसा संगठन है और यह किस तरह कामों में लिप्त है.
इस संगठन को 7 अगस्त 2004 में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने बनाया था. इस संगठन से पहले गिलानी जमात-ए-इस्लामी कश्मीर के सदस्य थे. तहरीक-ए-हुर्रियत के गठन से पहले उन्होंने जमात-ए-इस्लामी से सहमति ली थी. सैयद अली शाह गिलानी जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी संगठनों के गुट हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के संस्थापक भी रहे हैं.
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस में 26 अलगाववादी संगठन शामिल थे. बाद में चुनावों में भागीदारी और अन्य कई मुद्दों पर इन संगठनों में तकरार हो गई जिसके चलते कुछ दल इससे अलग हो गए. तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू-कश्मीर में एक अलगाववादी राजनीतिक दल है. इस संगठन का शुरुआत में मुख्यालय राजबाग में था, बाद में गिलानी ने अपने घर के बाहरी हिस्से में बनी इमारत को इसका मुख्यालय बना लिया. यह संगठन जमात-ए-इस्लामी विचारधारा का समर्थन करता आया है, जिसे केंद्र द्वारा साल 2019 में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के समर्थन, फंडिंग जैसे आरोपों के चलते यूएपीए के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था. गिलानी इस संगठन के 15 सालों तक प्रमुख थे, लेकिन साल 2018 में स्वास्थ्य की समस्या के चलते उन्होंने मोहम्मद अशरफ सहराई को इस संगठन का चेयरमैन बना दिया.
5 मई साल 2021 में मोहम्मद अशरफ सहराई ऊधमपुर जेल में कोरोना संक्रमित हो गए थे और जम्मू स्थित अस्पताल में उनकी मौत हो गई. उनकी मौत और गिलानी की बीमारी की वजह से यह संगठन लगभग निष्क्रिय हो गया. जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की विचारधारा रखने और इसी सोच को आगे बढ़ाने के लिए इस संघ पर प्रतिबंध लगाया गया है. तहरीक-ए-हुर्रियत पर आरोप है कि यह जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए भारत विरोधी प्रचार फैला रहा है और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने का काम कर रहा है. First Updated : Sunday, 31 December 2023