आपने एक कहावत सुनी होगी कि प्यार अंधा होता है. प्यार में कोई उम्र की बंधन नहीं होता. किसका दिल किसके साथ लग जाएओ और शादी हो जाए. आपने न्यूज में कई लोगों की शादी के बारे में सुना होगा, जिनके बीच उम्र का फासला 10 से अधिक देखने के लिए मिलता है.
आज हम आपको बताना चाहते हैं कि साइंस के हिसाब के पति-पत्नी की उम्र में कितना गैप होना चाहिए. हालांकि साइंस में शादी का कोई कॉन्सेप्ट नहीं है. इसमें शारीरिक संबंध बनाने के लिए उम्र की बात कही गई है कि एक महिला और पुरुष की न्यूनतम उम्र कितनी होनी चाहिए.
साइंस में इसके लिए अंग्रेजी का शब्द copulation (शारीरिक संबंध) का इस्तेमाल किया गया है. इसके मुताबिक जब महिला और पुरुष के शरीर में हार्मोनल चेंज आ जाता है तब वे दोनों शारीरिक संबंध के लायक हो जाते हैं.
महिलाओं में हार्मोनल चेंज 7 से 13 साल के बीच होने लगता है. वहीं पुरुषों में यह बदलाव 9 से 15 साल के बीच होता है. यानी महिलाओं में यह हार्मोनल बदलाव पुरुषों की तुलना में जल्दी आता है. इस कारण महिलाएं शारीरिक संबंध बनाने के लिए पुरुषों की तुलना में जल्दी योग्य हो जाती हैं.
साइंस के अनुसार हार्मोनल चेंज का यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि लड़की या लड़के की शादी कर देना चाहिए. दुनिया के तमाम देशों में शारीरिक संबंध की न्यूनतम उम्र तय की गई है. यह उम्र 16 से 18 साल के बीच है. भारत में शारीरिक संबंध बनाने की न्यूनतम उम्र 18 साल है.
शारीरिक संबंध बनाने के साथ ही देश में शादी की न्यूनतम उम्र तय की गई है. लड़कियों की उम्र 18 साल और लड़कों की उम्र 21 साल रखी गई है. इस हिसाब से यहां कानूनी तौर पर पति-पत्नी की उम्र में तीन साल के गैप की बात स्वीकार्य है.
हालांकि देश की बढ़ती आबादी और लड़कियों की शिक्षा आदि कारणों के चलते इनकी शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल करने को लेकर बहस छिड़ी है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल हुई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था.
कुल मिलाकर परंपरागत तौर पर भारतीय समाज में पति-पत्नी की उम्र में तीन से पांच साल का गैप स्वीकार्य है. समाज भी कहता है कि लड़की की उम्र लड़के से कम होने चाहिए. लेकिन, कई बार यह गैप 10 से 15 सालों का भी होता है.