देश के पांच राज्यों में नवंबर महीने में हुए विधानसभा चुनाव में तीन राज्यों में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला है. वहीं तेलंगाना में कांग्रेस ने सरकार बनाई और मिजोरम में मिज़ो नेशनल फ्रंट ने सरकार बनाई है. कुल मिलाकर पांचों राज्यों को नए मुख्यमंत्री मिल गए हैं. आज यानी 15 दिसंबर को राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में भजन लाल शर्मा ने शपथ ली है. आप लोग मुख्यमंत्री बनने की खबरें टीवी न्यूज चैनलों पर देखते और समाचार पत्रों में पढ़ते हैं, लेकिन क्या आपको यह पता है कि किसी राज्य में कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री कैसे बन सकता है. इसकी संवैधानिक प्रक्रिया और प्रावधान क्या हैं? आज हम इसके बारे में ही बात करेंगे.
भारत में मुख्यमंत्री को चुनने की प्रक्रिया भारतीय संविधान में निर्धारित की गई है. हालांकि संविधान में मुख्यमंत्री की नियुक्ति की प्रक्रिया को विस्तार से नहीं बताया गया है. इसके अनुसार देश में मुख्यमंत्री की नियुक्ति की वही प्रक्रिया है जो भारत के संघ में प्रधानमंत्री की नियुक्ति की है. संविधान के अनुच्छेद 164 में इस बात का उल्लेख है कि राज्य का राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति करेगा.
भारतीय अनुच्छेद 164 में प्रवाधान है कि राज्य के मुख्यमंत्री के साथ ही अन्य मंत्रियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री की सलाह से राज्यपाल करेगा. वहीं मुख्यमंत्री के चयन की प्रक्रिया जिस तरह से देश की संसद में प्रधानमंत्री की है उसी प्रकार प्रदेश में विधानसभा में मुख्यमंत्री का दर्जा होता है. संविधान के मुताबिक प्रधानमंत्री लोकसभा के सबसे बड़े दल का नेता होता है और वह तब तक पद पर रह सकता है जब तक कि लोकसभा में बहुमत बनाए रखता है.
मुख्यमंत्री राज्य विधानसभा में सबसे बड़े दल का नेता होता है और वह तब तक पद पर बना रहेगा जब तक उसे विधानसभा में बहुमत हासिल है. चुनाव जीतने के बाद की प्रक्रिया रोचक है. नियम कहते हैं कि चुने हुए विधायक अपना नेता चुनते हैं, जिसकी सूचना राज्यपाल को दी जाती है और उसके बाद राज्पाल बहुमत वाले दल के नेता को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करता है.
किसी राज्य के चुनाव परिणाम आने के बाद जिस पार्टी के सबसे अधिक, यानी विधानसभा के सदस्यों की संख्या के आधे से अधिक विधायक जीतते हैं, वही पार्टी सरकार बनाती है और वे ही अपने नेता को मुख्यमंत्री चुनते हैं. व्यवहारिक तौर पर विधायक पार्टी से विचार विमर्श करते हैं और पार्टी के शीर्ष नेता विधायकों की रायशुमारी और अन्य पहलुओं पर एक नाम निश्चित करते हैं, जिसके बाद औपचारिक तौर पर पार्टी के चुने गए विधायक उसे अपना नेता चुनते हैं जो प्रदेश का मुख्यमंत्री बनता है.
मुख्यमंत्री बनने के लिए विधायक होना जरूरी है, जिन राज्यों में विधान परिषद यानी उच्च सदन नहीं है. अगर कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री पद के लिए चुन लिया जाता है और वह विधायक नहीं है, ऐसे में उसे 6 महीने के अंदर चुनाव जीतकर विधानसभा सदस्य या विधान परिषद का सदस्य बनना होता है. इसके लिए नियम प्रधानमंत्री के नियम की तरह ही हैं. जिस तरह से मुख्यमंत्री बनने की प्रक्रिया निर्धारित है, भारत में मुख्यमंत्री बनने के कई राजनैतिक पहलू हैं जो औपचारिक तौर पर भले ही ना दिखते हों, लेकिन उनका प्रभाव दिखता है. मुख्यमंत्री के दावेदार का बहुमत वाली पार्टी में अच्छा प्रभाव देखने को मिलता है तो वहीं दूसरी तरफ शक्तिशाली केंद्रीय नेतृत्व कई बार अपनी पसंद के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनवाता दिख जाता है, जिससे नए नामों पर हैरानी होती है. First Updated : Friday, 15 December 2023