Emergency: 'आपातकाल' का बॉलीवुड पर क्या हुआ था असर, सरकार की तारीफ़ करने का बना था दवाब
Emergency: 1975 में आज ही के दिन भारत में इमरजेंसी का ऐलान किया गया था. इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार के इस एक फैसले से पूरा भारत रुक गया था. उस वक़्त के राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश में इमरजेंसी लागू की थी. आज इमरजेंसी की 48 वीं बरसी है.
हाइलाइट
- आज है 'आपातकाल' की 48वीं बरसी.
Indira Gandhi Emergency : देश में इमरजेंसी के बाद से काफ़ी बदलाव देखने को मिला, जिसका असर आम जनता के साथ साथ फ़िल्म इंडस्ट्री पर भी पढ़ा था. कहते हैं फ़िल्में समाज का आईना होती हैं. लेकिन इमरजेंसी के दौरान उस वक़्त की सरकार ने बॉलीवुड पर बहुत दवाब बनाया. बॉलीवुड में कोई भी ऐसी फ़िल्म नहीं बनने दी जाती थी जिसमे सरकार की आलोचना हो. कहा जाता है कि वो एक ऐसा वक़्त था जब फिल्म इंडस्ट्री के बड़े-बड़े स्टार्स और लेखक सरकार के आगे झुक गए थे. बड़े बड़े कॉन्सर्ट होते थे, जिसमें सरकार की ख़ूब तारीफ़ की जाती थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई ऐसी फिल्में थी जो आज तक रिलीज़ नहीं हो पाई क्योंकि उस वक़्त उनके प्रिंट्स जला दिए गए ताकि लोगों तक सच्चाई ना पहुंच पाए.
सरकार का था फिल्म इंडस्ट्री पर दवाब
इमरजेंसी के दौरान देश में हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल था. एक तरफ जहां अपोजिशन के नेताओं को जेल में डाला जा रहा था, वहीं दूसरी तरफ़ सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाली फिल्मों के प्रिंट को जला दिया गया था. कहा जाता है कि उस वक्त के इन्फॉर्मेंशन ब्राडकास्टिंग मिनिस्टर ने बॉलीवुड इंडस्ट्री को इमरजेंसी के पक्ष में बोलने और फ़िल्में बनाने की धमकी दी थी. उन्होंने इंडस्ट्री के कई स्टार्स पर सरकार के सपोर्ट में डॉक्यूमेंट्री बनाने का दबाव भी डाला था. कुछ स्टार्स ने सरकार की बात मानी और उनके पक्ष में चीजें बोलीं, लेकिन जिन लोगों ने सरकार की बात नहीं मानी उसका असर उन एक्टर्स के जीवन पर पढ़ा.
बड़े स्टार्स की फिल्मों पर लगा दी थी रोक
इमरजेंसी लगने के बाद इंदिरा गांधी सरकार की हर तरफ़ आलोचना हो रही थी. जिसकी वजह से सरकार बोखलाई हुई
थी. लोग फिल्मों को समाज का आईना मानते हैं शायद यही सोचकर वीसी शुक्ला ने एक्टर मनोज कुमार को सरकार के फैसले के पक्ष में डॉक्यूमेंट्री बनाने के लिए कहा था, जिसे मनोज कुमार ने बनाने से मन कर दिया था. जिसका बुरा असर उनकी आने वाली फ़िल्म 'शोर' पर पड़ा. फ़िल्म के रिलीज़ होने के कुछ दिन पहले ही उसको दूरदर्शन पर दिखा दिया गया, मनोज कुमार को बहुत नुकसान हुआ था. ऐसी ही तानाशाही सिंगर किशोर कुमार के साथ भी हुई उन्होंने जब सरकार के पक्ष में बोलने से माना किया तो उनके गानों पर भी रोक लगा दी गयी. इस कड़ी में और भी बहुत से ऐसे स्टार्स थे, जिनको सरकार की बात ना मानने का खामियाज़ा भुगतना पड़ा था.
इमरजेंसी के दौरान फिल्म 'आंधी' लगा बैन
'आंधी' फ़िल्म 1975 में बनी थी, जो एक राजनीतिक ड्रामा फिल्म थी. इमरजेंसी के दौरान इस फ़िल्म पर बैन लगा दिया गया था. 1977 में बीजेपी की सरकार आने के बाद इस फिल्म से बैन हटाया गया और इसको नेशनल टीवी पर दिखाया गया था.