चाहे कुछ भी हो, मेरा कर्तव्य वही रहेगा, सजा पर रोक के बाद राहुल गांधी ने कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने 'मोदी' उपनाम टिप्पणी मानहानि मामले में उनकी सजा पर आज रोक लगा दी. इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, "चाहे कुछ भी हो, मेरा कर्तव्य वही रहेगा. भारत के विचार की रक्षा."
कांगेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी में खुशी की लहर हर तरफ छाई हुई है, सुप्रीम कोर्ट ने 'मोदी' उपनाम टिप्पणी मानहानि मामले में उनकी सजा पर आज रोक लगा दी. इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, "चाहे कुछ भी हो, मेरा कर्तव्य वही रहेगा. भारत के विचार की रक्षा."
Come what may, my duty remains the same.
Protect the idea of India.— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 4, 2023
राहुल गांधी अपने समर्थनों का किया धन्यवाद
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 'मोदी' उपनाम टिप्पणी मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पहली बार मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि, "आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों सच्चाई की जीत होती है. लेकिन मेरा रास्ता साफ है. मेरे मन में स्पष्टता है कि मुझे क्या करना है और मेरा काम क्या है. मैं उन लोगों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने हमारी मदद की." .मैं लोगों को उनके प्यार और समर्थन के लिए भी धन्यवाद देता हूं.''
दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी ने AICC मुख्यालय में तमिलनाडु कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक की. कांग्रेस नेता पवन कहते हैं, "हम ऊर्जा से भरे हुए हैं। हमने न्याय की उम्मीद की थी और न्याय हुआ है. इंतजार करें और देखें, राहुल गांधी 'बाजीगर' बनेंगे. सत्य की जीत होगी. न्यायपालिका में लोगों का भरोसा आज मजबूत हुआ है," खेड़ा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 'मोदी' उपनाम टिप्पणी मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी.
प्रियांक खड़गे और राहुल गांधी ये सभी वंशवादी: राजीव चन्द्रशेखर
केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कांगेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा और बताई वशंवादी पार्टी, "प्रियांक खड़गे और राहुल गांधी ये सभी वंशवादी हैं, जिन्हें अपने परिवार के कारण अपने जीवन में एक दिन भी काम नहीं करना पड़ा. यह अभिजात्य अहंकार और काम और आजीविका की तलाश करने वाले लोगों की अवमानना कांग्रेस के लिए अनोखी बात है.
भाजपा में ऐसे कई पार्टी कार्यकर्ता हैं जिनके माता-पिता भी राजनेता थे, लेकिन हम कभी भी उन लोगों को उस अहंकार और संरक्षणवादी रवैये से नहीं देखते हैं जो प्रियांक खड़गे दर्शाते हैं. यहां विडंबना यह है कि कांग्रेस जैसी पार्टी है और प्रियांक खड़गे एक वंशवादी पुत्र हैं. एक कांग्रेस नेता का उत्तर भारतीय दक्षिण भारतीयों के बारे में बात करना जो समुदायों को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि उनके पास दशकों से एक इतालवी और एक विदेशी राष्ट्रपति था, यह पाखंड की पराकाष्ठा है,''