जब इशारा मिलने पर ओला ड्राइवर ने रोकी कैब... डरी सहमी महिला की आपबीती सुन दहल जाएगा दिल
Ola cab experience: एक महिला ने अपने साथ हुए खौफनाक अनुभव को लिंक्डइन पर शेयर किया हैं. महिला के साथ यह घटना ओला कैब में घटित हुई, जो महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं. जिसके बाद पीड़िता ने ओला और इसके सीईओ भाविश अग्रवाल से मामले को गंभीरता से लेने की अपील की है.
Ola cab experience: महिला की सुरक्षा से जुड़े अपराध के मामले लगातार सामने आते रहे हैं. अक्सर महिलाएं खुद के साथ हुई घटना की आपबीती सोशल मीडिया पर साझा भी करती हैं, जिससे अन्य महिलाएं अलर्ट रह सकें. इसी तरह एक महिला ने भी अपना डरावना अनुभव लिंक्डइन पर शेयर किया. ये घटना ओला कैब की हैं, जिससे महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं बढ़ गई हैं. 20 दिसंबर को दोपहर लगभग 1:30 बजे घटना घटी, जो राइड-हेलिंग सेवाओं की सुरक्षा प्रोटोकॉल और जिम्मेदारी पर बड़े सवाल खड़े करती है.
कैसे शुरू हुआ डर का सफर?
महिला का सफर तब डरावना बन गया जब कैब गुड़गांव के रास्ते में टोल प्लाजा पार कर चुकी थी. ड्राइवर ने बिना किसी स्पष्ट कारण के वाहन की रफ्तार धीमी कर दी. महिला ने बार-बार पूछा, लेकिन ड्राइवर ने कोई जवाब नहीं दिया. इसी बीच, दो व्यक्ति कैब के आगे खड़े होकर ड्राइवर को रुकने का इशारा करने लगे. हैरानी की बात यह थी कि ड्राइवर ने उनकी बात मानते हुए कैब को सड़क किनारे रोक दिया.
पांच लोगों का जमावड़ा
महिला ने जब इस अजीब व्यवहार पर ड्राइवर से सवाल किया, तो उसने कुछ नहीं बताया. स्थिति तब और खराब हो गई जब दो और बाइक सवार वहां पहुंच गए, जिससे कुल मिलाकर पांच लोग (ड्राइवर समेत) वहां जमा हो गए. यह घटना नेशनल मीडिया सेंटर के पास हुई, जो अपेक्षाकृत सुनसान इलाका है और जहां यातायात कम रहता है.
ड्राइवर का संदिग्ध बयान
ड्राइवर ने इस दौरान संदिग्ध रूप से कहा कि मेरी किस्त पेंडिंग है. जिससे संकेत मिलता है कि इन व्यक्तियों के साथ उसका कोई वित्तीय लेनदेन था. महिला ने बार-बार ड्राइवर से यात्रा जारी रखने की गुहार लगाई, लेकिन उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. इसके बजाय, वे लोग कैब की ओर बढ़ने लगे.
महिला ने दिखाई हिम्मत
डर और घबराहट के बीच, महिला ने हिम्मत दिखाते हुए कैब का दाहिनी ओर का दरवाजा खोला और वहां से भागकर खुद को सुरक्षित किया.
ओला ऐप का SOS बटन फेल
महिला ने ओला ऐप के SOS बटन का उपयोग करने की कोशिश की, लेकिन वह काम नहीं कर रहा था. पीड़िता ने ओला और इसके सीईओ भाविश अग्रवाल से अपील की है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ठोस कदम उठाएं. उन्होंने कहा कि सुरक्षा कोई फीचर नहीं, बल्कि एक बुनियादी जिम्मेदारी है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.